नेशनल डेस्क। दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर ख़त्म होती नजर आ ही रही थी कि अब चौथी लहर आने का डर सताने लगा है। लेकिन COVID-19 के नए मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे है। कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आने पर देशभर में कोरोना प्रतिबंधों पर ढील दी जा रही थी। लेकिन हालही में आए एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है कि कोरोना का एक नया वैरिएंट तेजी से फ़ैल रहा है जी कि कोरोना की चौथी लहर का कारण बनेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट के बारे में कहा कि ओमिक्रॉन और डेल्टा दोनों के तेजी से फैलने के कारण ये स्थिति आनी ही थी।

बता दें कोविड-19 के इस नए वैरिएंट का नाम डेल्टाक्रॉन (Deltacron) है। यह ओमीक्रोन और डेल्टा वैरिएंट के जुड़ने से तैयार हुआ है। एक रिपोर्ट से मिली सूचना के अनुसार इस वैरिएंट की पहचान भारत में की जा चुकी है और 7 राज्यों में मिलने वाले मरीजों को निगरानी में रखा गया है। इन राज्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली शामिल हैं। ऐसे में यह नया वैरिएंट डेल्टाक्रॉन कितना खतरनाक है और इसके लक्षण क्या हैं, इस बारे में जानना बेहद जरूरी है।
इस साल फ़रवरी में मिला था यह वैरिएंट
कोरोना का नया वह वैरिएंट डेल्टाक्रॉन रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट है, जो कि ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट से जुड़कर बना है। पेरिस के Institut Pasteur के वैज्ञानिकों ने डेल्टाक्रॉन की पहचान फरवरी 2022 खोज की थी।
डेल्टाक्रॉन के मुख्य लक्षण (Symptoms of Deltacron)
नेशनल हेल्थ सर्विस (National Health Service) के अनुसार, ओमिक्रॉन और डेल्टा के रिकॉम्बिनेशन से बने इस वायरस के लक्षण वैसे ही हैं, जैसे कि कोरोना पिछली महामारी में थे। लेकिन वैज्ञानिक अभी भी इसकी निगरानी कर रहे हैं और इसके अन्य लक्षणों के बारे में खोज कर रहे हैं।
डेल्टा को कोरोना का अब तक का सबसे घातक रूप माना जाता है और डेल्टाक्रॉन, डेल्टा और ओमिक्रॉन के जुड़ने से बना है।अगर कोई इससे संक्रमित होता है तो संक्रमित व्यक्ति को कुछ हल्के और कुछ गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं।
सिरदर्द, तेज बुखार, पसीना आना, ठंड लगना, गले में खराश, लगातार खांसी, थकान, एनर्जी में कमी, शरीर दर्द, ओमिक्रॉन के BA.2 वैरिएंट के लक्षण हैं। Omicron BA.2 के अन्य लक्षण बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान और हार्ट रेट बढ़ना है। इसके आलावा इस वैरिएंट के 2 प्रमुख लक्षण चक्कर आना और थकान हैं, जो कि संक्रमित होने के 2-3 दिन के अंदर महसूस होने लगते हैं। कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि डेल्टाक्रॉन का असर नाक से ज्यादा पेट पर हो रहा है। पेट पर इसके प्रभाव के कारण रोगी को मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, जलन, सूजन और डाइजेसन जैसी समस्याओं हो सकती हैं।
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