इंटरनेशनल डेस्क। क्रिकेट के कप्तान एवं खिलाड़ी के रूप में इमरान खान का करियर शानदार रहा और इस खेल की बुलंदियां छूने के बाद उन्होंने सियासत की पारी खेलनी शुरू की। लेकिन पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार मध्यरात्रि को हुए मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार गिर गई है। विश्वास प्रस्ताव को लेकर हुई वोटिंग में इमरान के खिलाफ 174 वोट पड़े और शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है।
नया पाकिस्तान बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे इमरान खान
उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे। हालांकि, वह वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे। नेशनल असेंबली का वर्तमान कार्यकाल अगस्त, 2023 में समाप्त होना था।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के मुखिया शाहबाज शरीफ पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं। माना जा रहा है कि सोमवार को शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं।
11 अप्रैल को होगा चुनाव
इमरान खान की सरकार द्वारा अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 11 अप्रैल (सोमवार) को एक नए प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए मतदान करेगी। डान अखबार ने नेशनल असेंबली के पीठासीन अधिकारी अयाज सादिक का हवाला देते हुए कहा कि नए प्रधानमंत्री के लिए नामांकन पत्र आज दोपहर दो बजे तक जमा किया जा सकता है। जिसके बाद दोपहर तीन बजे नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए सोमवार को सुबह 11 बजे असेंबली का सत्र बुलाया गया है।
अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग जीतने के बाद शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली में अपनी बात रखी। शहबाज शरीफ ने कहा कि आज अल्लाह ने पाकिस्तान की आवाम की दुआएं कुबूल की हैं। पाकिस्तान में ऐसी मिसालें कम देखने को मिलती हैं। उन्होंने कहा कि “हम बेकसूर लोगों को जेल में नहीं डालेंगे। हम किसी से बदला नहीं लेंगे। पाकिस्तान का बुरा सपना खत्म हुआ। पाकिस्तान में मुस्कुराने के दिन लौटे।
विपक्ष की जीत के बाद पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा, “पूरे पाकिस्तान को मुबारकबाद। मुल्क तीन साल से बोझ उठा रहा था, साथ ही उन्होंने कहा कि जुर्म है, बढ़ता है, मिट जाता है। तीन-चार साल में सब सीख लिया जो पूरी जिंदगी में नहीं सीखा। भुट्टो ने कहा वेलकम बैक टू पुराना पाकिस्तान। पाकिस्तान के मुस्कुराने के दिन लौटे।
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