सीवीड जेल की खरीदी : विधानसभा में किया था FIR का वादा, विधानसभा में दिया गया बार-बार रिमाइंडर, अधिकारी नहीं दिख रहे गंभीर

रायपुर। छत्तीसगढ़ कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सीवीड जेल खरीदी घोटाले पर किए जाने वाले कार्रवाई को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। विधानसभा के 3-4 बार रिमाइंडर देने के बावजूद इस मामले की जांच न हो पाना समझ से परे है। बता दें कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान सीवीड जैल की खरीदी का मामला विपक्ष ने उठाया।

कुछ अधिकारियों की हो चुकी है मौत तो कुछ हो चुके हैं पदोन्नत

जिसके कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने जवाब में कहा कि 32 अधिकारियों को इस मामले में कारण बताओ नोटिस नवंबर-दिसंबर 2019 में जारी कर दिया गया है। वर्तमान में 32 अधिकारियों में से कुछ की मौत हो चुकी है। वहीं 3-4 अधिकारी सेवानिविर्त हो चुके हैं।

मगर इसमें भी चौकाने वाली बात यह है कि चौंकाने वाली बात है कि गड़बड़ी करने वाले कुछ अधिकारियों को प्रमोशन देकर संयुक्त निदेशक बना दिया गया। कई उप संचालक अभी विभिन्ना जिलों में सेवाएं दे रहे हैं। नियमानुसार सेवानिवृत्त हो चुके उप संचालकों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज करानी है, दोषियों से रिकवरी भी होनी है।

कई अधिकारी उच्च पदों पर पहुंच चुके हैं इस वजह से भी यह मामला अब भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारी भी किसी प्रकार का बयान देने से बच रहे हैं।

पढ़ें क्या है सीवीड जैल की खरीदी घोटाला

कृषि विभाग में सीवीड जैल की खरीदी में 40 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में कार्रवाई की फाइल मंत्रालय में दबा दी गई। 2014-15 से लेकर 2017-18 तक क्रय नियमों का उल्लंघन करते हुए घोटाले को अंजाम दिया गया। कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि विभाग के उप संचालकों ने बिना अनुशंसा के नियमों को ताक पर रखकर खरीदी की। खरीदी करने वाले 20 उप संचालकों पर कार्रवाई करने में भेदभाव करने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद मुद्दे ने फिर तूल पकड़ लिया है। मामले में अभी तक केवल बलौदाबाजार के उप संचालक वीपी चौबे को निलंबित किया गया है।

बता दें कि मामला विधानसभा में उठने के बाद इसकी जांच कृषि संचालनालय ने की थी। जांच में 40 करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति की पुष्टि हुई थी। इसके बाद खरीदी करने वाले 21 उप संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को जांच प्रतिवेदन भेजा गया, लेकिन कार्रवाई एक पर ही हुई।

इससे पहले भी उठ चुका है यह मामला

पूर्व विधानसभा में सीवीड जैल की खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण शर्मा ने उठाया था। कृषि मंत्री ने दोषी उप संचालकों पर कार्रवाई करने की बात कही थी। फरवरी-मार्च 2020 को सदन मे मंत्री ने संबंधित अधिकारियों पर FIR भी करवाने की बात कही थी। वहीं कृषि उत्पादन विभाग की सचिव एम गीता ने भी जांच प्रतिवेदन और कार्रवाई की अनुशंसा के आधार पर कृषि विभाग के संबंधित उप संचालकों को दंडित करने की बात की थी। वर्तमान में आईएएस अधिकारी कमलप्रीत सिंह के जिम्मे इस मामले की जांच का जिम्मा है। मगर वे भी इस मामले में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दे रहे हैं।

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