इस साल धनतेरस 22 और 23 दोनों दिन मनाई जाएगी। त्रयोदशी तिथि दोनों दिन रहेगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास की त्रयोदशी को धनतेरस या धन त्रयोदशी का त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन ही भगवान धनवंतरि पृथ्वी पर समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुए थे। धनतेरस पर सोना-चांदी,आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है। धनतेरस पर खरीदी गई चीजों में तेरह गुने की वृद्धि होती है, ऐसी पौराणिक मान्यताएं हैं।

धनतेरस पूजा शुभ मुहूर्त 2022-
धनतेरस पूजा मुहूर्त 22 अक्टूबर को शाम 07 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। पूजन की अवधि 1 घंटा 16 मिनट की है।
प्रदोष काल – 05:45 PM से 08:17 PM।
वृषभ काल – 07:01 PM से 08:56 PM।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त 2022 –
सर्वार्थ सिद्धि योग 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 32 मिनट से आरंभ होगा और दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। वहीं त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस पूजा विधि-
-सबसे पहले चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
-अब गंगाजल छिड़कर भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें।
-भगवान के सामने देसी घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं।
-अब देवी-देवताओं को लाल फूल अर्पित करें।
-अब आपने इस दिन जिस भी धातु या फिर बर्तन अथवा ज्वेलरी की खरीदारी की है, उसे चौकी पर रखें।
-लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें।
-धनतेरस की पूजा के दौरान लक्ष्मी माता के मंत्रों का जाप करें और मिठाई का भोग भी लगाएं।
धनतेरस से जुड़ी पढ़ें ये पौराणिक कथा-
एक पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन से धन्वंतरि प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे। कहते हैं कि तभी से धनतेरस मनाया जाने लगा। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है। माना जाता है कि इससे सौभाग्य, वैभव और स्वास्थ्य लाभ होता है। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा की जाती है।