बिलासपुर। आज सुबह रेलवे के बीसीएन डिपो में करंट लगने से अप्रेंटिसशिप करने आये महाराष्ट्र के ट्रेनी की मौत के बाद हंगामा मच गया। मृतक के उत्तेजित साथियों ने रेलवे अस्पताल में हंगामा करते हुए इस घटना के लिए रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।


रेलवे मंडल बिलासपुर के बीसीएन डिपो में काम करने के दौरान करेंट लगने से महाराष्ट्र के 19 वर्षीय अप्रेंटिसशिप के ट्रेनी प्रसाद गजानन काले की मौत हो गई। उसका एक साथी उसे बचाने के चक्कर में मामूली रूप से झुलस गया। जिसके बाद वहां मौजूद अन्य ट्रेनी युवाओं ने उसे तत्काल रेलवे हॉस्पिटल पहुंचाया लेकिन तब तक युवक की मौत हो चुकी थी।

बिना सुरक्षा उपकरण के कराते हैं काम
दरअसल ये सभी युवा आईटीआई के बाद रेलवे द्वारा ट्रेनिंग के लिए वेकेंसी निकालने पर देश भर से आये हैं और यहां रेलवे के अलग- अलग विभागों में अप्रेंटिसशिप कर रहे हैं।
इन युवाओ का आरोप है कि उनसे बिना सेफ्टी उपकरण के काम लिया जाता है या फिर जर्जर उपकरण दिए जाते हैं। इनका कहना है कि 70 हजार वेतन पाने वाले नियमित टेक्नीशियन काम के दौरान ट्रेनी युवाओं को मार्गदर्शन करने की बजाय उन्हें अकेले काम करने के लिए झोंक देते हैं, जबकि वे महज 7 हजार रुपये के लिए जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं।

यह घटना सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच तब हुई जब ट्रेनी छात्र बिना टेक्नीशियन के मार्गदर्शन के बीएनसी डिपो में बोगी के अंदर फिल्टर चेंज कर रहे थे। तभी करंट लगने से महाराष्ट्र के जलगांव जिला निवासी 19 वर्षीय प्रसाद गजानन काले की मौत हो गई।
DRM समेत अन्य अफसर पहुंचे अस्पताल
घटना को लेकर हंगामे की जानकारी लगने के बाद ही डीआरएम समेत रेलवे के अन्य अफसर भी रेलवे अस्पताल पहुंचे। यहां प्रदर्शन कर रहे अप्रेंटिस ट्रेनीज को काबू करने के लिए RPF के जवानों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

इस दौरान मंडल प्रबंधक अस्पताल के बंद चैंबर के अंदर रेलवे के चिकित्सको और अधिकारियों के साथ युवाओं से चर्चा करते नजर आए। हालांकि युवाओं का रोष उसके बाद भी कम नही हुआ और वे छात्र को न्याय देने की मांग करते रहे। हालांकि घटना की मुख्य वजह का पता लगाने के लिए रेलवे प्रशासन ने टीम गठित कर दी है। जिसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। प्रदर्शनकारी युवा मौत के मामले में त्वरित करवाई करने की मांग कर रहे थे, और इस दौरान उनका प्रदर्शन जारी रहा।
