CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। शुक्रवार को अपने अंतिम कार्य दिवस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित विदाई समारोह में उन्होंने खुले दिल से अपनी बात रखी। CJI चंद्रचूड़ ने कहा, शायद मैं इस सिस्टम का सबसे अधिक ट्रोल हुआ जज हूं, लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं पड़ता। मैं अपने आलोचकों का भी सम्मान करता हूं।

बशीर बद्र का शेर सुनाया
CJI चंद्रचूड़ ने अपनी आलोचना और ट्रोलिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रसिद्ध शायर बशीर बद्र का शेर सुनाया: मुखालफत से मेरी शख्सियत संवरती है, दुश्मनों का मैं बड़ा एहतराम करता हूं। (विरोध मेरी शख्सियत को और मजबूत बनाता है, मैं अपने दुश्मनों का भी बहुत सम्मान करता हूं)। मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा, सोच रहा हूं 11 नवंबर से मेरे ट्रोलर्स का क्या होगा, जब वे बेरोजगार हो जाएंगे।
विवादित मामलों में आलोचना का सामना
हाल में CJI चंद्रचूड़ को अयोध्या मामले में उनके बयान और कुछ विशेष बेंचों को जमानत याचिकाएं सौंपने के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके आवास पर पूजा में शामिल होना भी चर्चा का विषय बना, जिससे कार्यपालिका और न्यायपालिका के संबंधों पर बहस शुरू हो गई।
दूसरे सबसे लंबे कार्यकाल वाले CJI
CJI चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल देश के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में रहा। उनका जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था, और उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी की। केजी बालकृष्णन के बाद सबसे लंबे कार्यकाल वाले CJI के रूप में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए।
प्रोफेशनल करियर में उल्लेखनीय उपलब्धियां
जस्टिस चंद्रचूड़ 1998 से 2000 तक भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्यरत रहे। मार्च 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट के एडिशनल जज और 2013 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। 2016 में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के बाद, उन्होंने कई अहम निर्णय दिए और असहमति प्रकट करते हुए संविधान के सिद्धांतों का समर्थन किया। उनके कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट की ई-कोर्ट कमेटी ने ऑनलाइन कार्यवाहियों के लिए मजबूत ढांचा तैयार किया, जो COVID-19 के दौरान अत्यंत सहायक रहा।