रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में बड़ा मोड़ आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही रायपुर के एक बड़े उद्योगपति को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।

बता दें कि अपने कार्यकाल में सोनवानी ने अयोग्य रिश्तेदारों के अलावा अन्य अधिकारियों और नेताओं से जुड़े उम्मीदवारों की भर्ती गलत तरीके से की थी। पूर्व में CBI ने 7 जुलाई को सोनवानी के ठिकानों समेत राज्य में 15 जगहों पर छापेमारी की थी ।

CBI ने संदेड़ियों को लिया निशाने पर

इस मामले में फिर दर्ज किये जाने के बाद सीबीआई ने इस भर्ती में चयनित संदेहियों के रायपुर में 6, बिलासपुर में एक, धमतरी में 2 समेत 15 ठिकानों में छापेमारी की थी। इस मामले में सीबीआई ने 16 ऐसे अभ्यर्थियों को नामजद किया है, जिनकी डिप्टी कलेक्टर, पुलिस उपाधीक्षक समेत अन्य बड़े पदों पर नियुक्ति हुई थी।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में राज्य लोक सेवा आयोग की 2020 से 2022 के दौरान हुई भर्ती परीक्षा में बड़ा घोटाला सामने आया था. इस परीक्षा के नतीजे 11 मई 2023 को घोषित किए गए थे।

इस मामले में पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक पर जुलाई में अपने बेटे, बेटियों, रिश्तेदारों को मेरिट सूची में उच्च अंक दिलाने में मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

एजेंसी के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में आयोग के पूर्व अध्यक्ष सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य लाभार्थी थे। इन पांच सदस्यों में उनके बेटे नितेश और बहू निशा कोसले (डिप्टी कलेक्टर), बड़े भाई के बेटे साहिल (पुलिस उपाधीक्षक), बहू दीपा आदिल (जिला आबकारी अधिकारी) और बेटी सुनीता जोशी (श्रम अधिकारी) शामिल हैं।

सीबीआई की एफआईआर में शामिल शिकायत में आरोप लगाया गया है कि क्रमांक 1-171 से मेरिट सूची में जगह बनाने वाले अभ्यर्थी कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़े हैं। शिकायत में कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका कटियार और दामाद शशांक गोयल और कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला का भी नाम शामिल है।