रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 पीओएस एजेंट को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी किराए पर बैंक खाते लेकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे। अब तक इस मामले में 98 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

जांच में सामने आया है कि इनके द्वारा जारी किए गए सिम कार्ड संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार में इस्तेमाल किए गए हैं। पुलिस ने 7,063 सिम कार्ड और 590 मोबाइल की पहचान की है, जिनकी जांच जारी है। यह पूरी कार्रवाई साइबर थाना पुलिस द्वारा की गई है।
चार चरणों में हुई कार्रवाई
- पहला चरण– 68 म्यूल बैंक अकाउंट धारकों को गिरफ्तार किया गया।
- दूसरा चरण– 4 बैंक अधिकारियों की गिरफ्तारी।
- तीसरा चरण– 13 बैंक खाता संचालकों को पकड़ा गया, जो फिलहाल न्यायिक अभिरक्षा में हैं।
- चौथा चरण– साइबर अपराध में संलिप्त म्यूल बैंक खातों से जुड़े मोबाइल नंबरों की जानकारी हासिल कर, फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले एजेंटों पर शिकंजा कसा गया।
कैसे किया जाता था फर्जीवाड़ा?
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे नए सिम कार्ड जारी करने या सिम पोर्ट कराने के दौरान कस्टमर का डबल थंब स्कैन और आई ब्लिंक स्कैन कर अतिरिक्त सिम कार्ड एक्टिवेट कर देते थे। जिन ग्राहकों के पास आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी होती थी, उनके विवरण को खुद वेरीफाई कर डी-केवाईसी के जरिए फर्जी सिम चालू किए जाते थे। बाद में ये सिम म्यूल अकाउंट के ब्रोकरों और संचालकों को बेचे जाते थे।
गिरफ्तार आरोपियों की सूची
- कुलवंत सिंह छाबड़ा (21 वर्ष), अंबागढ़ चौकी, राजनांदगांव
- खेमन साहू (23 वर्ष), खराटोला, राजनांदगांव
- अजय मोटघरे (45 वर्ष), डोंगरगढ़, राजनांदगांव
- ओम आर्य (21 वर्ष), मुंगेली
- चंद्रशेखर साहू (20 वर्ष), रायपुर
- पुरुषोत्तम देवांगन (21 वर्ष), दुर्ग
- रवि कुमार साहू (26 वर्ष), भिलाई, दुर्ग
- रोशन लाल देवांगन (28 वर्ष), दुर्ग
- के. शुभम सोनी, दुर्ग
- के. वंशी सोनी, दुर्ग
- त्रिभुवन सिंह (28 वर्ष), भिलाई
- अमर राज केशरी (34 वर्ष), भिलाई
- विक्की देवांगन (26 वर्ष), दुर्ग
पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है और संभावना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।