सुकमा। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने आरोप लगाया है कि हारे हुए प्रत्याशी को छुट्टी के दिन रात के अंधेरे में विजयी होने का प्रमाण पत्र दे दिया गया, यह लोकतंत्र का गला दबाकर हत्या करने के बराबर है।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि एर्राबोर में स्थानीय प्रशासन के एक कर्मचारी ने भाजपा के एजेंट के रूप में काम किया है, वहां मतदान क्रमांक 109 में कांग्रेस प्रत्याशी को 165 वोट और भाजपा समर्पित प्रत्याशी को 88 वोट मिले और मतगणना के बाद एजेंटों ने लिखित में भी लिया, उसके बाद जब प्रमाण पत्र के लिए प्रत्याशी काउंटर में गई तो अवकाश का हवाला दिया गया, लेकिन उसी अवकाश के दिन रात में हारे हुए प्रत्याशी को जीत का प्रमाण पत्र दे दिया गया, जिसकी शिकायत जिला स्तर के अधिकारियों को की गई है।

कांग्रेस पार्टी ने की निंदा

पत्रकार वार्ता में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान के पश्चात लगभग सभी ब्लॉक के जिला में मतगणना हुई। जिला प्रशासन, चुनाव आयोग, पुलिस प्रशासन की सशक्त भूमिका से निष्पक्ष सफल चुनाव – मतदान संपन्न हुआ, उसके बावजूद मतगणना के पश्चात हारी हुई प्रत्याशी को विजयी घोषित करना, लोकतंत्र के निष्पक्ष चुनाव के लिए सीधा प्रहार है, जिसकी हम घोर निंदा करते हैं।

प्रेस वार्ता में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा -आने वाले समय में अगर चुनाव आयोग, शासन-प्रशासन के द्वारा निष्पक्ष चुनाव प्रणाली में जीती हुई प्रत्याशी को अगर न्याय नहीं मिला तो कांग्रेस पार्टी यह लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ेगी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष माहेश्वरी बघेल, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोडो राजा, सुन्नम नागेश, मोहम्मद हुसैन, मुकेश कश्यप समेत कांग्रेस के प्रमुख नेता मौजूद रहे।