टीआरपी डेस्क। नवरात्रि का सातवां दिन इस वर्ष 4 अप्रैल 2025, शुक्रवार को पड़ेगा। इस दिन देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि की साधना से नकारात्मक ऊर्जा, बुरी शक्तियों और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। उनकी आराधना से भक्तों को अद्भुत शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है।

मां कालरात्रि का स्वरूप
मां कालरात्रि का शरीर घोर अंधकार के समान काला है। उनके बाल खुले और बिखरे हुए हैं। मां की तीन प्रचंड ज्वलंत आंखें हैं, जिनसे भयंकर प्रकाश निकलता है। उनकी श्वास से अग्नि की लपटें निकलती हैं। माता के चार हाथ हैं—एक में तलवार, दूसरे में लौह अस्त्र, तीसरा वरद मुद्रा में और चौथा अभय मुद्रा में स्थित है। मां का यह रौद्र रूप दुष्टों और पापियों के विनाश के लिए है, लेकिन भक्तों के लिए वे सौम्य और कल्याणकारी हैं।
मां कालरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:36 AM से 05:22 AM
- प्रातः संध्या: 04:59 AM से 06:08 AM
- अभिजीत मुहूर्त: 11:59 AM से 12:49 PM
- विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:20 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:39 PM से 07:02 PM
- सायं संध्या: 06:41 PM से 07:49 PM
- अमृत काल: 07:33 PM से 09:07 PM
मां कालरात्रि की पूजा विधि
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें।
- मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें और रोली, कुमकुम, चंदन आदि से पूजा करें।
- धूप, दीप जलाकर मां की विधिवत आराधना करें।
- मां को गुड़, शहद, फल, मिष्ठान और मेवा का भोग अर्पित करें।
- सप्तमी तिथि पर मां को शहद और गुड़ अर्पित करना विशेष शुभ माना जाता है।
- मां कालरात्रि की कवच, स्तुति और आरती का पाठ करें।
मां कालरात्रि का प्रिय भोग
मां कालरात्रि को गुड़ अति प्रिय है। इसलिए भक्तों को इस दिन मां को गुड़ अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि माँ तेरी जय ॥
महत्व और लाभ
- मां कालरात्रि की पूजा से शत्रु बाधा, नकारात्मक ऊर्जा, और भय दूर होते हैं।
- जिन लोगों को जीवन में अकाल मृत्यु या बुरी शक्तियों का भय सताता है, उनके लिए मां कालरात्रि की आराधना अत्यंत फलदायी होती है।
- इस दिन मां की आराधना करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है और आत्मबल में वृद्धि होती है।