टीआरपी डेस्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नाम लिए बिना तंज कसा है। पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर एक विवादास्पद पोस्ट साझा की है, जिसमें एक बिना सिर और अंगों के कुर्ता-पायजामा पहने व्यक्ति की तस्वीर है। इसके साथ कैप्शन दिया गया है – “जिम्मेदारी के समय: गायब।”

कांग्रेस की यह पोस्ट 24 अप्रैल को हुई सर्वदलीय बैठक से जोड़कर देखी जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी अनुपस्थित रहे थे। कांग्रेस ने इस बैठक में प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग की थी, लेकिन बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
BJP का तीखा पलटवार: “कांग्रेस और आतंकियों की सोच एक जैसी”
कांग्रेस की पोस्ट पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, “कांग्रेस और आतंकियों की सोच में फर्क नहीं रह गया है। यह पार्टी अब लश्कर-ए-पाकिस्तान बन चुकी है। राहुल गांधी के इशारे पर पाकिस्तान को खुश करने के लिए कांग्रेस इस तरह की पोस्ट कर रही है।”
वहीं, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “कांग्रेस की इस पोस्ट में ‘सिर तन से जुदा’ जैसी भाषा का प्रयोग किया गया है, जो दर्शाता है कि यह पोस्ट मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखकर की गई है। लेकिन अगर मुहावरे की तरह देखें तो असल में कांग्रेस की ही गर्दन कट चुकी है अब यह पार्टी बिना दिशा का बेकाबू संगठन बन चुकी है।”
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने भी सवाल किया, “कांग्रेस को क्या मजबूरी है कि वह बार-बार पाकिस्तान की भाषा बोलती है? जब भारतीयों का खून बहता है, तो कांग्रेस का दिल क्यों नहीं दहलता? वह किसके साथ खड़ी है – भारत के या पाकिस्तान के?”
खड़गे और कांग्रेस का रुख
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 28 अप्रैल को जयपुर में कहा, “देश की बदकिस्मती है कि आतंकवादी हमले जैसे गंभीर मुद्दे पर हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री उपस्थित नहीं थे। यह शर्मनाक है कि वे उस वक्त बिहार में चुनावी भाषण दे रहे थे, लेकिन दिल्ली नहीं आए। क्या बिहार से दिल्ली इतनी दूर है?”
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी की यह मांग है कि इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और प्रधानमंत्री संसद में आकर पूरे मामले पर जवाब दें। उन्होंने कहा, “हमने 22 अप्रैल को ही सर्वदलीय बैठक की मांग की थी। अब यह जानना जरूरी है कि हमला कैसे हुआ और क्या खुफिया एजेंसियों को इसकी जानकारी थी।”