टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन कर दिया है। इस बार बोर्ड की कमान पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को सौंपी गई है, जिन्हें बोर्ड का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इस बदलाव को राष्ट्रीय सुरक्षा पर बढ़ते वैश्विक और क्षेत्रीय संकटों के बीच महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

बोर्ड में शामिल हुए ये सदस्य
पुनर्गठित बोर्ड में सैन्य और सुरक्षा सेवाओं के अनुभवी अधिकारियों को स्थान दिया गया है। इसमें शामिल सात सदस्य हैं:
- एयर मार्शल पीएम सिन्हा (सेवानिवृत्त) – पूर्व पश्चिमी वायु सेना कमांडर
- लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह (सेवानिवृत्त) – पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर
- रियर एडमिरल मोंटी खन्ना (सेवानिवृत्त)
- राजीव रंजन वर्मा (सेवानिवृत्त आईपीएस)
- मनमोहन सिंह (सेवानिवृत्त आईपीएस)
- बी. वेंकटेश वर्मा (सेवानिवृत्त आईएफएस)
- आलोक जोशी (सेवानिवृत्त) – पूर्व रॉ प्रमुख, अब चेयरमैन
NSAB क्या करता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) एक बहु-विषयी (multi-disciplinary) संस्था है, जो सरकार से बाहर के विशेषज्ञों और वरिष्ठ पूर्व अधिकारियों को शामिल करती है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) को दीर्घकालिक रणनीतिक विश्लेषण, सुझाव, और नीतिगत सिफारिशें देना है। यह संस्था उभरते सुरक्षा खतरों और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत की रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाती है।
2018 के बाद पहली बार हुआ बड़ा फेरबदल
इस बार का पुनर्गठन 2018 के बाद पहली बार किया गया है, जिसमें सेना, पुलिस और विदेश सेवा के अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है। पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक ठोस रणनीतिक पहल मानी जा रही है।
पीएम मोदी की हाई-लेवल बैठकें
बोर्ड पुनर्गठन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह लगातार 5 उच्चस्तरीय बैठकें कीं। इनमें कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS), कैबिनेट की राजनीतिक समिति (CCPA), आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) और वरिष्ठ सचिवों की बैठकें शामिल रहीं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने रक्षा, गृह और विदेश मंत्रियों से भी अलग से विचार-विमर्श किया। बताया गया है कि ये बैठकें सुबह 11 बजे से तीन घंटे तक चलीं।