रायपुर। राज्य के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान, पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं उससे सम्बद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय ने एक बार फिर साबित किया है कि सरकारी अस्पतालों में गंभीर और जटिल चिकित्सीय परिस्थितियों में भी गुणवत्तापूर्ण उपचार संभव है। मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात, तड़के 1 से 2 बजे के बीच, अंबेडकर अस्पताल स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (ACI) में एक बेहद संवेदनशील और जोखिम भरा मामला सामने आया।

एक 40 वर्षीय गर्भवती महिला, जो चार महीने की गर्भवती थी, को दिल का दौरा पड़ने के बाद अंबेडकर अस्पताल लाया गया। वह पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती थी, लेकिन जब स्थिति गंभीर हुई तो उसे रात के समय अंबेडकर अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में लाया गया। प्रारंभिक जांच के बाद उसे तुरंत कार्डियोलॉजी विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया।
महिला को न केवल हार्ट अटैक हुआ था, बल्कि वह हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी से भी जूझ रही थी। डॉक्टरों के अनुसार, महिला को प्लेसेंटा प्रिविया की समस्या थी, जिसके कारण गर्भाशय ग्रीवा पर प्लेसेंटा का दबाव था, जिससे जीवन-घातक रक्तस्राव की आशंका बनी रहती है। साथ ही, महिला एनीमिक (रक्त की कमी) थी, और उसका हीमोग्लोबिन स्तर मात्र 6 से 7 ग्राम के बीच था। यह उसकी तीसरी गर्भावस्था थी; इससे पहले दो बार उसका गर्भपात हो चुका था, और वह इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट भी ले रही थी।
डॉ. स्मित श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी) और डॉ. ज्योति जायसवाल (विभागाध्यक्ष, गायनेकोलॉजी) के नेतृत्व में, डॉ. एस. के. शर्मा और डॉ. कुणाल ओस्तवाल की टीम ने समय से पहले कोई औपचारिकता देखे बिना मरीज को सीधे कैथ लैब में लिया। एंजियोग्राफी में यह बात सामने आई कि महिला की हृदय की मुख्य धमनियों में से एक, लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी, 100% ब्लॉक हो चुकी थी। डॉक्टरों ने चंद मिनटों के भीतर निर्णय लेकर तत्काल एंजियोप्लास्टी की, जिससे न केवल महिला की जान बचाई जा सकी बल्कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु की भी रक्षा हो सकी।
इस आपातकालीन उपचार के दौरान महिला के पास न तो आयुष्मान भारत कार्ड था, न ही कोई और दस्तावेजी सुविधा, फिर भी डॉक्टरों ने किसी औपचारिकता या आर्थिक लाभ की चिंता किए बिना तत्काल जीवनरक्षक इलाज उपलब्ध कराया। डॉक्टरों ने इसे अक्षय तृतीया के दिन का पुण्य संयोग बताया और कहा कि “यह सिर्फ एक चिकित्सीय कार्य नहीं, बल्कि एक सेवा थी।
इस अद्वितीय सेवा भावना और चिकित्सीय उत्कृष्टता को लेकर पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी और अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने पूरी टीम को बधाई दी और महिला व उसके गर्भस्थ शिशु के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
इस जीवनदायिनी टीम में शामिल रहे डॉक्टर:
- कार्डियोलॉजी विभाग: डॉ. स्मित श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष), डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. प्रतीक गुप्ता, डॉ. रजत पांडे
- गायनेकोलॉजी विभाग: डॉ. ज्योति जायसवाल (विभागाध्यक्ष), डॉ. रूचि किशोर गुप्ता (यूनिट इंचार्ज), डॉ. निशा वट्टी, डॉ. सौम्या
- एनेस्थेसिया विभाग: डॉ. शालू
- नर्सिंग स्टाफ: डिगेन्द्र, मुक्ता