बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ डॉ. केम को बिलासपुर कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद पुलिस को आरोपी की एक दिन की रिमांड मंजूर की है। अब स्पेशल टीम द्वारा उससे पूछताछ की जाएगी, जिसमें फर्जी डिग्री और बिलासपुर में हुए इलाज के मामलों की तह तक जाने की कोशिश होगी।

आरोपी डॉक्टर से मुख्य रूप से पूछा जा रहा कि उसने मेडिकल की पढ़ाई कहां-कहां से की, उसे कॉर्डियोलाजिस्ट की डिग्री कहां से मिली। कॉर्डियोलॉजिस्ट की डिग्री तो फर्जी है, ऐसे में अपोलो प्रबंधन ने तुम्हे कैसे हॉयर कर लिया। किन-किन मरीजों का कॉडियक ऑपरेशन किया…आदि सवाल पूछे। डॉक्टर ने ज्यादातर सवालों पर चुप्पी साधी या गोलमोल जवाब दिया। इस मामले में आरोपी डॉक्टर के साथ ही अपोलो प्रबंधन के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।
पुलिस टीम आरोपी को दमोह जेल से प्रोडक्शन वारंट पर बिलासपुर लेकर आई है। गौरतलब है कि दमोह में इलाज के दौरान इस फर्जी डॉक्टर की वजह से सात मरीजों की जान चली गई थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत भी नरेंद्र विक्रमादित्य के इलाज के दौरान हुई थी। उनके बेटे डॉ. प्रदीप शुक्ल की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।