टीआरपी डेस्क। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से लिए गए सख्त फैसलों ने पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ा दी है। भारत ने हमले की सीधी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर डालते हुए राजनयिक और रणनीतिक स्तर पर दबाव बढ़ा दिया है।

इसी दबाव के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शनिवार देर रात आपात निर्णय लेते हुए सोमवार, 5 मई को शाम 5 बजे संसद का विशेष सत्र बुलाया है।

आधी रात में हुआ आदेश जारी

पाकिस्तानी सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, संविधान के अनुच्छेद 54(1) के अंतर्गत राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली की आपात बैठक 5 मई को शाम 5 बजे इस्लामाबाद में आहूत की है।

विशेष सत्र में क्या है एजेंडा?

सूत्रों के मुताबिक, यह आपात बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर केंद्रित होगी।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित करने के फैसले को इस सत्र का मुख्य विषय माना जा रहा है। पाकिस्तान की संसद में भारत की कार्रवाई की ‘कड़ी निंदा’ का प्रस्ताव लाया जा सकता है।

क्यों मचा है पाकिस्तान में हड़कंप?

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन TRF ने ली थी। जांच में पता चला है कि इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकी सीमा पार पाकिस्तान से आए थे।

भारत सरकार ने इस हमले को सीधा युद्ध जैसा कृत्य करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद से पाकिस्तान की सरकार में भय और अस्थिरता का माहौल है, और देश में लगातार उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है।