रायपुर। तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में एक गंभीर प्रशासनिक चूक उजागर हुई है। इस प्रकरण में गिरफ्तार किए गए वनमंडल अधिकारी (DFO) अशोक पटेल को EOW/ACB की टीम द्वारा गलत कोर्ट में पेश किए जाने का मामला सामने आया है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

रायपुर की कोर्ट में दो बार किया था पेश

बताया जा रहा है कि तेंदूपत्ता बोनस के वितरण में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच के दौरान DFO अशोक पटेल को गिरफ्तार किया गया था। नियमानुसार, मामले की सुनवाई के लिए उन्हें दंतेवाड़ा विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना था, लेकिन EOW ने उन्हें दो बार रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया और रिमांड भी प्राप्त कर लिया।

गलत अदालत में पेश किया मामले को

इस प्रक्रिया पर रायपुर विशेष कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई और EOW को लापरवाही के लिए फटकार लगाई। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि जिस क्षेत्राधिकार की अदालत में मामला पंजीबद्ध है, आरोपी को वहीं प्रस्तुत करना अनिवार्य है। कानून की अनदेखी कर इस प्रकार किसी अन्य क्षेत्र की अदालत में रिमांड लेना गंभीर चूक है और इससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होती है।

कोर्ट की सख्ती के बाद EOW और ACB ने आनन-फानन में DFO अशोक पटेल को दंतेवाड़ा विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 9 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। अब पटेल दंतेवाड़ा जिला कारागार में बंद हैं और अगली सुनवाई में उन्हें पुनः न्यायालय में पेश किया जाएगा।

इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की प्रशासनिक लापरवाहियां न्याय प्रणाली में बाधा उत्पन्न कर रही हैं।