Operation Sindoor: पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर भारत की निर्णायक एयर स्ट्राइक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा करते हुए इसे एक “बिल्कुल सटीक और योजनाबद्ध कार्रवाई” बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “यह हमला पूरी तैयारी और रणनीति के साथ किया गया, कोई चूक नहीं हुई। यह तो होना ही था। पूरा देश हमारी तरफ देख रहा था और हमें हमारी सेना पर गर्व है।” उन्होंने यह भी बताया कि सैन्य बलों ने मिशन को बारीकी से तय रणनीति के अनुसार अंजाम दिया और हर स्तर पर अनुशासन का पालन किया गया।
कैबिनेट का समर्थन और प्रशंसा
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी, जिसके बाद मंत्रिमंडल ने मेज थपथपाकर सेना की कार्रवाई और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की खुलकर सराहना की। मंत्रियों ने सर्वसम्मति से आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को समर्थन देते हुए कहा कि “पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है।”
प्रधानमंत्री ने खुद रखी ऑपरेशन पर नज़र
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक चले इस ऑपरेशन की पल-पल निगरानी की। भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए इस मिशन में उन ठिकानों को निशाना बनाया गया जहां से भारत पर आतंकी हमलों की योजना बनाई जा रही थी।
महिला अधिकारियों ने की प्रेस वार्ता
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए बुधवार को एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें दो महिला सैन्य अधिकारियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ मिलकर मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि हमले 1:05 बजे से 1:30 बजे के बीच उच्च स्तरीय खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए थे।
लश्कर और जैश के अड्डे ध्वस्त
सेना ने बताया कि ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें बहावलपुर स्थित जैश का मुख्यालय और मुरीदके में स्थित लश्कर का बेस शामिल था।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही सशस्त्र बलों को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की स्वतंत्रता दे दी थी। बैठक के बाद उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ स्थिति की समीक्षा भी की।
जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है सरकार
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर अडिग है और भविष्य में भी देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।