0 ऑपरेशन सिंदूर का ट्रेडमार्क लेने के लिए मची होड़
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने “ऑपरेशन सिंदूर” नाम का ट्रेडमार्क अपने नाम कराने के लिए अप्लाई किया। यह नाम भारत की उस सैन्य कार्रवाई का कोडनेम है, जो पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई थी। ट्रेड मार्क मिलने से फिल्में, शो, कॉन्सर्ट, गेम्स, या फिर ऑडियो-वीडियो कंटेंट बनाने, प्रकाशन सेवाओं में इसका उपयोग करने की अनुमति होगी। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज का ऑपरेशन सिंदूर को ट्रेडमार्क करने का अब कोई इरादा नहीं है।

रिलायंस ने अपना आवेदन वापस लेने का फैसला किया
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द ट्रेडमार्क कराने के लिए अपना आवेदन वापस ले लिया है। रिलायंस ने स्पष्ट किया है कि उसका “ऑपरेशन सिंदूर” शब्द को ट्रेडमार्क कराने का कोई इरादा नहीं है। कंपनी ने कहा कि यह शब्द अब भारतीय वीरता और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक बन चुका है और इसे ट्रेडमार्क करने का विचार भी कंपनी के मूल्यों के खिलाफ है।
गलती से फाइल हो गया था आवेदन
रिलायंस की तरफ से यहां जारी एक बयान में इसकी जानकारी दी गई। कंपनी ने कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक इकाई, Jio Studios ने अपना ट्रेडमार्क आवेदन वापस ले लिया है। यह आवेदन एक जूनियर कर्मचारी ने बिना अनुमति के गलती से फाइल कर दिया था।
बयान में कहा गया, रिलायंस पूरी तरह से अपनी सरकार और सशस्त्र बलों के साथ आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में खड़ा है। हमारी ‘भारत पहले’ (इंडिया फर्स्ट) के प्रति अटूट प्रतिबद्धता बनी हुई है।
एक दिन पहले ही अप्लाई किया था रिलायंस ने
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस ने यह ट्रेडमार्क 7 मई को “क्लास 41” के तहत अप्लाई किया, जिस दिन यह सैन्य ऑपरेशन हुआ था। कॉमर्स मिनिस्ट्री के ट्रेडमार्क सर्च पोर्टल के मुताबिक, कंपनी ने इस नाम को मनोरंजन (एंटरटेनमेंट) के लिए इस्तेमाल करने का इरादा जताया है। कंपनी का मीडिया और एंटरटेनमेंट विभाग पहले से ही न्यूज, स्पोर्ट्स, फिल्में आदि बनाता है।
ट्रेडमार्क कैसे मिलता है..?
ट्रेडमार्क रजिस्ट्री पहले चेक करती है कि क्या यह नाम पहले से किसी और ने रजिस्टर किया है। अगर कोई ऑब्जेक्शन नहीं आता, तो इसे गवर्नमेंट की ट्रेडमार्क जर्नल में छापा जाएगा। इसके बाद 4 महीने तक कोई भी व्यक्ति या कंपनी आपत्ति कर सकती है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो ट्रेडमार्क संबंधित आवेदक के नाम हो जाएगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे नाम पर ट्रेडमार्क देते समय सावधानी बरतनी चाहिए। अगर यह नाम सरकारी मुहिम जैसा लगता है तो इसे रोका जा सकता है। साथ ही, जनता को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए कि यह सरकार से जुड़ा हुआ है।
तीन और फर्म ने भी ने किया है अप्लाई
रिलायंस के अलावा, मुंबई के मुकेश चेत्रम अग्रवाल, जम्मू के ग्रुप कैप्टन कमल सिंह (रिटायर्ड) और दिल्ली के अलोक कोठारी ने भी इसी नाम के लिए ट्रेडमार्क अप्लाई किया है। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 7 मई को सुबह 10:42 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए ट्रेडमार्क आवेदन दाखिल करने वाली पहली कंपनी है। अगले 24 घंटों के भीतर बाकी 3 आवेदन दाखिल किए गए, जिनमें अधिनियम की कक्षा 41 के तहत विशेष अधिकार मांगे गए, जिसमें मनोरंजन, शिक्षा, सांस्कृतिक और मीडिया सेवाएं शामिल हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की भारत पोर्टफोलियो आवेदन वेबसाइट पर 7 मई, 2025 को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे तक की जानकारी दी गई है।
ऐसा पहले भी हो चुका है
2019 के पुलवामा हमले के बाद “सर्जिकल स्ट्राइक” जैसे नामों पर कई फिल्में बनीं और ट्रेडमार्क अप्लाई किए गए। 2016 के उरी हमले के बाद “सर्जिकल स्ट्राइक” नाम से एक मूवी भी आई थी।