रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में आरोपी अरविंद सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां शामिल थे, ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पेश किए गए सबूतों की कमी पर चिंता जताई और एजेंसी को बिना पर्याप्त प्रमाण के आरोप लगाने के लिए फटकार लगाई।

अरविंद सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल और अधिवक्ता शशांक मिश्रा ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान, ईडी ने आरोप लगाया कि सिंह ने विकास अग्रवाल नामक व्यक्ति के साथ मिलकर 40 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। हालांकि, जब अदालत ने पूछा कि क्या अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है, तो ईडी ने बताया कि वह फरार है। इस पर अदालत ने कहा कि ईडी के पास सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और इस तरह के आरोप टिकाऊ नहीं हैं।

ईडी के अनुसार, यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जिसमें सरकारी शराब दुकानों से नकली होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इस घोटाले में कई सरकारी अधिकारी और व्यापारी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को चेतावनी दी है कि वह बिना पर्याप्त सबूत के आरोप न लगाए और जांच प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए।