Thiruvananthapuram MP Shashi Tharoor: नई दिल्ली। तिरुवनन्तपुरम से लोक सभा सांसद शशि थरूर का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान शुरु हो गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बिना नाम लिए शशि थरूर पर निशाना साधते हुए कहा कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना में जमीन-आसमान का फर्क है।

Thiruvananthapuram MP Shashi Tharoor: यह बयान तब आया जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट पर दावा किया कि उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के लिए थरूर का नाम प्रस्तावित नहीं किया था, बल्कि सरकार ने उन्हें शामिल किया। कांग्रेस ने इसके बजाय आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सुप्रिया बरदोल और सैयद नासिर हुसैन के नाम सुझाए थे।
बीजेपी का सवाल.. जो लोग भारत के लिए बोलते हैं, उनसे राहुल गांधी नफरत क्यों करते हैं?
दूसरी ओर, बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “जो लोग भारत के लिए बोलते हैं, उनसे राहुल गांधी नफरत क्यों करते हैं?” बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस की आंतरिक कलह पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस समय देश को एक स्वर में बोलना चाहिए।
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाल ने प्रतिनिधिमंडल के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर का नाम प्रस्तावित नहीं करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी को अपने नेताओं पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संदिग्ध नाम प्रस्तावित किए हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके चुनाव के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए थे।
Thiruvananthapuram MP Shashi Tharoor: क्या बोले शशि थरूर
कांग्रेस पार्टी द्वारा नामित नामों में अपना नाम शामिल न किए जाने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा- पार्टी को अपनी राय रखने का पूरा अधिकार है। स्पष्ट रूप से, यह एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल है, इसलिए सरकार की अपनी राय है कि उन्हें कौन उपयुक्त लगता है। मुझे कहना चाहिए कि सरकार और मेरी पार्टी के बीच किसी और संपर्क के बारे में मुझे जानकारी नहीं है और मुझे लगता है कि आपको संबंधित लोगों से पूछना चाहिए।
थरूर ने आगे कहा कि जहां तक मेरा सवाल है, इन मुद्दों से निपटने वाली संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में और अंतरराष्ट्रीय मामलों में वर्षों के मेरे व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर मुझसे पूछा गया और उस अनुभव और ऐसे ज्ञान की आवश्यकता के बारे में जो मेरे पास है, उसे इस समय राष्ट्र की सेवा में लगाया जा सकता है।