टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ जंगल में हुए हालिया एनकाउंटर में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। इस मुठभेड़ में 25 लाख रुपये का इनामी माओवादी यासन्ना उर्फ जंगू नवीन मारा गया। उसका असली नाम सज्जा वेंकट नागेश्वर राव था और वह आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का निवासी था। माओवादी संगठन में उसे कोड नेम राजन्ना, मधु या यसन्ना से जाना जाता था।

इस ऑपरेशन में पहले ही माओवादी महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य बसव राजू के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। अब यासन्ना के मारे जाने के बाद माओवादी संगठन को गहरा झटका लगा है, क्योंकि यह दोनों शीर्ष नेता रणनीति और संगठन संचालन में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे।

अब बचे माओवादियों के पास दो ही रास्ते: समर्पण या मौत

सुरक्षाबलों के अनुसार, अब छत्तीसगढ़ में सक्रिय सशस्त्र माओवादियों की संख्या घटकर 250 के आसपास रह गई है। केंद्र और राज्य सरकार ने मार्च 2026 तक माओवादियों के समूल खात्मे का लक्ष्य तय किया है, और इस दिशा में अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है।

संगठन में नेतृत्व संकट और अंदरूनी बिखराव

बसव राजू की मौत के बाद माओवादी संगठन गहरे नेतृत्व संकट से जूझ रहा है। अब केवल कुछ पुराने चेहरे जैसे गुडसा उसेंडी, कोसा दादा, गणेश उईके और किशनजी का भाई सोनू बचे हैं, लेकिन इनके बीच आपसी टकराव और वर्चस्व की लड़ाई से संगठन अंदर से टूटने लगा है।

पूर्व महासचिव गणपति, जिसने 2018 में स्वास्थ्य कारणों से जिम्मेदारी छोड़ दी थी और इलाज के लिए फिलीपींस गया था, अभी जीवित है, लेकिन संगठन को दोबारा खड़ा करने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है।