टीआरपी डेस्क। विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर आतंकवादियों को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के राहुल गांधी के आरोपों पर सियासत गरमा गई है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस पर तीखा पलटवार करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने 1991 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए एक सैन्य समझौते का हवाला देते हुए कांग्रेस पर देश से गद्दारी करने का आरोप लगाया।

दुबे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “राहुल गांधी, यह समझौता आपकी पार्टी समर्थित सरकार के दौरान हुआ था, जिसमें भारत-पाक के बीच किसी भी सैन्य गतिविधि की सूचना साझा करने की बात कही गई थी। क्या यह समझौता देशद्रोह नहीं है?”

उन्होंने आगे कहा कि 1991 में चंद्रशेखर सरकार को कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था और उसी समय यह विवादित समझौता हुआ। भाजपा सांसद ने 1994 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार के दौरान इसे लागू करने का भी उल्लेख किया और कहा कि इसमें सेना, नौसेना और वायुसेना की तैनाती की सूचनाएं साझा करने की बात की गई थी।

निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि “कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ है।” उन्होंने कहा कि 1947 से अब तक पाकिस्तान के साथ विभिन्न समझौतों जैसे 1950 का नेहरू-लियाकत समझौता, 1960 का सिंधु जल समझौता और 1975 का शिमला समझौता से भारत को नुकसान ही हुआ है।

उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि कांग्रेस पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए। अब वक्त आ गया है कि देश के भीतर मौजूद राष्ट्रविरोधी तत्वों पर भी कार्रवाई हो।

सुप्रिया श्रीनेत का पलटवार

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने निशिकांत दुबे के बयानों को मुर्खता का प्रमाण बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने 6 मार्च 1991 को चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था और यह समझौता संभवतः उसके बाद अप्रैल 1991 में हुआ।

उन्होंने कहा, यह समझौता शांति काल के दौरान सैन्य भ्रम से बचने के लिए था, न कि आतंकवाद से जुड़ी जानकारी साझा करने के लिए। सुप्रिया ने पलटवार करते हुए कहा, इसका मतलब भाजपा और निशिकांत दुबे ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया कि विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को जानकारी दी थी यानी राहुल गांधी का आरोप सही था।