रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बोरे-बासी को लेकर राजनीति गरमा गई है। भाजपा नेत्री राधिका खेड़ा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि बोरे-बासी तिहार छत्तीसगढ़ की संस्कृति नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार के लिए भ्रष्टाचार का जरिया था।

राधिका खेड़ा ने कहा कि कका के लिए बोरे-बासी संस्कृति नहीं, लूट का साधन था। सिर्फ 5 घंटे में 8 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि 1500 रुपये की VIP थालियां, 8 रुपये की पानी की बोतलें 18 में खरीदी गईं, और चार डोम बनाए गए लेकिन बिल छह के बनाए गए।

टेंडर की ठेली पर बिक गई छत्तीसगढ़ की पहचान

राधिका ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को टेंडर की ठेली पर बेच दिया गया और कमीशन से भरी थालियां दिल्ली में सजाई गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि भूपेश बघेल ने माटी को मां कहने का नाटक करते हुए उसी माटी को सत्ता की सौदेबाज़ी में इस्तेमाल किया।

“कका हर मंच से कहते थे माटी मेरी मां है, लेकिन उसी माटी को माल बना दिया और दीदी के दरबार तक पहुंचा दिया गया। ये बोरे-बासी नहीं, छत्तीसगढ़ महतारी के साथ धोखा है,” उन्होंने कहा।

RTI से खुला 8 करोड़ रुपये के खर्च का मामला

इस पूरे प्रकरण का खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) के तहत हुआ है। RTI कार्यकर्ता आशीष सोनी ने दस्तावेजों के हवाले से बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 1 मई श्रमिक दिवस के मौके पर बोरे-बासी तिहार मनाया था, जिसके लिए रायपुर समेत पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किए गए।

RTI से सामने आया कि कुल खर्च 8 करोड़ से ज्यादा था। आरोप है कि बिना निविदा के चहेती इवेंट कंपनी को काम सौंपा गया, जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ।