टीआरपी डेस्क। इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर और लॉ की छात्रा शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर उन्हें धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। लेकिन इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं खासतौर पर तब जब टीएमसी सरकार पर चुनिंदा धर्मों के प्रति नरम रुख” अपनाने के आरोप लग रहे हैं।

पवन कल्याण का बड़ा बयान; एकतरफा कार्रवाई क्यों?
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण खुलकर शर्मिष्ठा के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा ऑपरेशन सिंदूर पर शर्मिष्ठा ने अपनी बात रखी। कुछ को वह आपत्तिजनक लगी, उन्होंने माफी मांगी और वीडियो हटा लिया। इसके बावजूद बंगाल पुलिस ने कार्रवाई की।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब टीएमसी के नेता और सांसद खुलेआम सनातन धर्म का मजाक उड़ाते हैं, उसे ‘गंध धर्म’ कहते हैं, तो उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं होती? तब कानून कहां होता है? पवन कल्याण ने इस कार्रवाई को धर्मनिरपेक्षता की दोहरी नीति बताते हुए कहा कि न्याय सबके लिए बराबर होना चाहिए। उन्होंने साफ कहा कि मैं शर्मिष्ठा के साथ खड़ा हूं। बंगाल पुलिस को पूरा देश देख रहा है।
शुभेंदु अधिकारी का हमला: वोटबैंक की राजनीति
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी इस कार्रवाई को टीएमसी की “वोटबैंक तुष्टिकरण” की राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने महज एक समुदाय को खुश करने के लिए एक युवती को निशाना बनाया है, जबकि अपने नेताओं के भड़काऊ बयानों पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने दी प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी सामने आई है। डच संसद के सदस्य और फ्रीडम पार्टी के नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला” बताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि बहादुर शर्मिष्ठा को रिहा करें। उसे पाकिस्तान और मुहम्मद पर सच बोलने के लिए सजा दी जा रही है। यह भारत की लोकतांत्रिक छवि पर धब्बा है।”
वाइल्डर्स ने अपने पोस्ट के साथ एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें लिखा था All eyes on Sharmistha.