0 हितग्राहियों के हमनाम होने का उठाया फायदा

0 जांच के बाद भी दोषियों को दिया जा रहा है संरक्षण

बिलासपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की चेतावनी का कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश भर में आवास के नाम पर घोटाले की खबरें लगभग हर रोज आ रही हैं। कहीं आवास सर्वे के नाम पर पैसे वसूलने का मामला सामने आ रहा है, तो कहीं आवास स्वीकृति के बाद दूसरे हितग्राही का जियोटेक कर आवास की राशि को तीसरे के खाते में डाल देने का भी मामला सामने आ रहा हैl 

बिलासपुर जिले के जनपद पंचायत कोटा में भी इसी तरह के घोटाले सामने आ रहे हैं। कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत तेंदुवा के जियाराम विश्वकर्मा ने सुशासन तिहार में आवेदन देकर रोजगार सहायक के द्वारा आवास में गड़बड़ी करने की शिकायत की गई थी। इस मामले की शिकायत के बाद जनपद पंचायत कोटा के सीईओ द्वारा 3 अधिकारियों टीम गठित करके जांच करने भेजा गया था। जांच पूरी होने के बाद भी इसकी फाइल धूल खाती पड़ी है। इस पर अभी तक कार्रवाई नही की गई है।

जानें, किस तरह की गई गड़बड़ी

ग्राम तेंदुवा के निवासी जियाराम विश्वकर्मा ने बताया कि मेरे पिताजी रामप्रसाद विश्वकर्मा के नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था, जिसका आईडी क्रमांक सीएच 2532643 है, पिता रामप्रसाद का निधन हो चुका है और इनकी स्वीकृति आवास आईडी में मेरी माता का नाम दर्ज होना हैl उसके बाद भी मेरे पिता के नाम पर मेरी माता का नाम को जोड़ने के बजाय रोजगार सहायक के द्वारा गांव के ही दूसरे व्यक्ति रामप्रसाद ध्रुव के नाम से आवास का जियो टेक कर दिया गया। रोजगार सहायक ने अधिकारियों से मिलीभगत कर योजना की प्रथम किश्त की राशि को तीसरे व्यक्ति रामप्रसाद यादव के खाते को जोड़कर उसमें जमा कर दिया गया।

जांच में सही मिली शिकायत

इस पूरी गड़बड़ी में दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया गया था, जिसके बाद जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा जांच टीम गठित कर 11 मई 2025 को ग्राम पंचायत तेंदुवा भेज कर सरपंच सचिव शिकायतकर्ता व ग्रामवासियों की उपस्थित में जांच की गई। इस दौरान शिकायत को सही पाया गया। रोजगार सहायक द्वारा नामिनी को नही बदला गया और दुसरे रामप्रसाद धुर्वे के नाम से आवास का जियोटेक कर दिया। साथ ही इस आवास की प्रथम किश्त की राशि को तीसरे व्यक्ति रामप्रसाद यादव के खाते में डाल दिया गया। जनपद पंचायत की जांच टीम ने पंचनामा तैयार कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौप दिया है l बावजूद इसके अब तक दोषी रोजगार सहायक पर कार्यवाही नहीं हुई। पीड़ित जियाराम अब मुख्यमंत्री के पास शिकायत करने की बात कहा रहा है l

तत्काल कार्यवाही करने की जरूरत

इस तरह ऐसे घोटालों में अफसरों द्वारा दोषियों को बचाने का प्रयास किया जाता है, जबकि ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए, ताकि दूसरे कर्मचारी गड़बड़ी करने की हिम्मत न करें।