महासमुंद। जिले के धन खरीदी में केन्द्रों से धान उठाव होने के बाद अब गड़बड़ियां उजागर हो रही हैं। महासमुंद जिले के पिथौरा में स्थित कृष्णा राइस मिल से सरकारी धान के स्टेक से 6 हजार से अधिक धान का कट्टा गायब हो गया है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब खाद्य विभाग के अधिकारी और विपणन के अधिकारी जांच में पहुंचे थे। मामले में राइस मिलर्स को शोकॉज नोटिस दिया गया है।

जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि सप्ताह भर पहले रुटिन जांच के लिए टीम गई हुई थी। जांच के दौरान 6 हजार सरकारी धान का कट्टा गायब मिला। राइस मिलर पूछताछ करने पर कोई जवाब नहीं दे सका।
मामले में खाद्य अधिकारी अजय यादव का कहना है कि जांच में 6 हजार से अधिक कट्टा धान राइस मिल में नहीं पाया गया जिस वजह से राइस मिलर्स पर कार्रवाई की जा रही है। जांच अधिकारियों द्वारा पंचनामा कर मामले को जिला कलेक्टर को अग्रेषित कर दिया गया है।
खरीदी केंद्र में कम मिला धान
इधर, अमरकोट धान उपार्जन केन्द्र में एक करोड़ 65 लाख 80 हजार रुपए के धान में गड़बड़ी भी हुई है। जांच में पुष्टि होने के बाद जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर ने तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए है।
बताया कि जिले के कलेक्टर विनय लंगेह के द्वारा गठित जांच दल अमरकोट स्थित धान उपार्जन केन्द्र पहुंची थी। जहां अनियमितता मिली। भौतिक सत्यापन के दौरान 11416 बोरी धान कम पाया गया। जिसका वजन 5348.68 क्विंटल है। जिसकी राशि प्रति क्विंटल 3100 रुपए के आधार पर एक करोड़ 65 लाख 80 हजार रुपए होता है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो निरीक्षण और पर्यवेक्षण में लापरवाही मानी जाएगी। साथ ही ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी।
मंडी सचिव पिथौरा का कहना है कि किसन अग्रवाल ने मंडी में मौखिक रूप से अपना धान 15 दिवस के लिए रखवाया था। डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं किया है। किसन अग्रवाल से अब मंडी अधिनियम के तहत किराया लिया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक जिले में इस साल 1 लाख 62 हजार 288 ने धान बेचने पंजीयन कराया था। इनमें से 1 लाख 53 हजार 270 किसानों ने धान बेचा था। इन किसानों से 110 लाख 42 हजार 732 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी।
केंद्रों में कम पाया गया धान
जांच के दौरान सरायपाली की समितियों में खरीदी से 40 हजार क्विंटल धान कम पाया गया। जबकि अभी भी जिले में 1 लाख क्विंटल धान का अब तक उठाव नहीं हो पाया है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अधिकारियों का कहना है कि उठाव तेजी से किया जा रहा है।