रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कई वार्ड ऐसे हैं जहां पीने के पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। कई घरों में दिनों से नल सूखे हैं, लोगों को मजबूरी में पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि नगर निगम का पानी का टैंकर कन्हैया कुंज, छत्तीसगढ़ क्लब रोड, जिला न्यायाधीश बंगला के सामने, सिविल लाइन्स में एक कंस्ट्रक्शन साईट पर अपनी सेवाएं दे रहा है।

स्थानीय निवासियों में आक्रोश

लोगों का ने सवाल उठाया है कि जब कॉलोनी में पीने का पानी तक नहीं है, तो नगर निगम आखिर निर्माण स्थल को पानी क्यों दे रहा है? क्या आम जनता से ज्यादा जरूरी है किसी बिल्डर की सुविधा?

जनता की प्यास को नजर अंदाज क्यों?

स्थानीय निवासियों का कहना है कि हमारे घरों में तीन-तीन दिन से पानी नहीं आ रहा है। बच्चे और बुजुर्ग परेशान हैं। शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि पानी की किल्लत है। लेकिन उसी समय नगर निगम का टैंकर पास की बिल्डिंग साइट पर खड़ा मिलता है। ये निगम की कैसी व्यवस्था है?

नगर निगम पर गंभीर आरोप

लोगों का आरोप है कि रायपुर नगर निगम की मिलीभगत से ही टैंकर निजी निर्माण कंपनियों को दिया जा रहा है। जबकि सरकारी टैंकरों का पहला उद्देश्य केवल नागरिकों की जरूरतों को पूरा करना होना चाहिए। रहवासियों ने मांग की है कि इस मामले की तत्काल जांच हो और यदि नगर निगम के अधिकारी या कर्मचारी इसमें दोषी पाए जाएं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही पानी की आपूर्ति सामान्य करने की भी अपील की गई है।