रायपुर। लंबी अदालती लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर छत्तीसगढ़ में बीएड डिग्रीधारी 2621 शिक्षक जिनकी नियुक्ति राज्य शासन ने सहायक शिक्षक के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने सेवा से बाहर कर दिए शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर नियुक्ति देने का फैसला किया है। जानकारी मिल रही है कि इस नियुक्ति के लिए 17 जून से काउंसिलिंग शुरू होगी।

दरअसल लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने चिप्स को जो पत्र लिखा है उसके बाद नौकरी से बाहर किए गए इन शिक्षकों की बहाली को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गई है। इस पत्र पर नजर डालें तो 17 जून से बीएड डिग्रीधारी बर्खास्त शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर ज्वाइनिंग कराने के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। कैबिनेट के निर्णय के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
क्या लिखा है DPI ने पत्र में
चिप्स को लिखे पत्र में डीपीआई ने कहा है कि सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर पदांकन के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। राज्य शासन का यह आदेश है। शासन के आदेश के मुताबिक 2621 शिक्षकों को नियुक्ति दी जानी है। काउंसिलिंग की प्रक्रिया के लिए चिप्स को साफ्टवेयर बनाने को कहा गया है। इसी साफ्टवेयर के जरिए सहायक शिक्षकों को ओपन काउंसिलिंग के जरिए स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश जारी किया जाएगा।
जानिए, क्यों किया गया था इन शिक्षकों को बर्खास्त
दअरसल डीएलएड डिप्लोमाधारी युवाओं ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बीएड डिग्रीधारकों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किए जाने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता डिप्लाेमाधारकों ने कहा कि प्राथमिक शालाओं में शिक्षक पद के लिए डीएलएड डिप्लोमाधारकों को मान्य किया गया है। वहीं मीडिल, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्ययन अध्यापन कराने के लिए बीएड डिग्रीधारकों को योग्य माना गया है।
इस मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए ऐसे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को नौकरी से बाहर करने और उनकी जगह डीएलएड डिप्लोमाधारकों को सेवा में लेने का निर्देश राज्य शासन को दिया था। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए बीएड डिग्रीधारकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
इसके बाद नौकरी से निकाले गए बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों ने लंबा आंदोलन किया और आखिरकार सरकार ने इन सभी को सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर नियुक्ति देने का फैसला किया।