टीआरपी डेस्क। Israel Iran War: इजरायल और ईरान के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव ने गुरुवार रात एक भयावह मोड़ ले लिया जब इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर अचानक हमला कर दिया। इस हमले में ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख कमांडर हुसैन सलामी और एक प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक की मौत हो गई है। ईरानी मीडिया ने इन जानकारियों की पुष्टि की है।

इजरायली अधिकारियों का दावा है कि ईरान परमाणु बम बनाने की कगार पर था और कुछ ही दिनों में 15 परमाणु हथियार तैयार करने की क्षमता हासिल कर सकता था। इस संभावित खतरे को देखते हुए इजरायल ने यह सैन्य कार्रवाई की।
वैश्विक बाजारों में हड़कंप, कच्चे तेल की कीमतें उफान पर
मध्य-पूर्व में बढ़ते युद्ध की आशंका के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में तेज़ उछाल देखा गया है। ब्रेंट क्रूड ऑयल 9.39% चढ़कर 75.87 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड फ्यूचर्स 9.42% की बढ़त के साथ 74.45 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर कच्चे तेल की कीमत ₹6,260 प्रति बैरल हो गई है, जो 9.19% की छलांग है।
एयरलाइंस को झटका; इंडिगो और स्पाइसजेट के शेयरों में गिरावट
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर एविएशन कंपनियों पर पड़ा है। ईंधन व्यय में बढ़ोत्तरी से एयरलाइन कंपनियों के ऑपरेशन कॉस्ट में बड़ा इजाफा हुआ है, जिससे उनके शेयरों में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखी गई।
- BSE पर इंडिगो का शेयर 5.62% गिरकर ₹5,175 पर पहुंच गया।
- स्पाइसजेट के शेयर 5.64% टूटकर ₹42.16 पर बंद हुए।
सुबह 11:18 बजे तक इंडिगो 3.37% की गिरावट के साथ ₹5,292 और स्पाइसजेट 2.08% की गिरावट के साथ ₹43.76 पर ट्रेड कर रहे थे।
एयरस्पेस में बदलाव, उड़ानें डायवर्ट
फ्लाइटराडार24 के आंकड़ों के मुताबिक, हमलों के तुरंत बाद शुक्रवार तड़के कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने इजरायल, ईरान और इराक के ऊपर से अपने विमानों के मार्ग बदल दिए। कुछ फ्लाइट्स डायवर्ट की गईं, तो कुछ रद्द कर दी गईं। इससे न केवल पैसेंजर ट्रैवल प्रभावित हुआ है, बल्कि लॉजिस्टिक्स और कार्गो सेक्टर पर भी दबाव बढ़ गया है।
भारतीय शेयर बाजार भी गिरा
इजरायल-ईरान युद्ध और इससे पहले 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे ने भारतीय बाजार को भी प्रभावित किया।
- BSE सेंसेक्स 1300 अंक से अधिक गिर गया।
- NSE निफ्टी 50 शुरुआती कारोबार में ही 24,500 के नीचे चला गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इजरायल-ईरान के बीच यह संघर्ष और गहराता है, तो इससे वैश्विक ऊर्जा बाजार और सप्लाई चेन पर दीर्घकालिक असर पड़ेगा। एयरलाइंस को मजबूरी में टिकट दरें बढ़ानी पड़ सकती हैं और महंगाई में नया उछाल देखने को मिल सकता है।