टीआरपी डेस्क। अबू धाबी की एक अदालत ने हाल ही में एक अनोखा फैसला सुनाकर सबको चौंका दिया। कोर्ट ने एक कंपनी को आदेश दिया है कि वह अपने उस कर्मचारी को करीब 26 लाख रुपए (110,400 दिरहम) का वेतन अदा करे, जिसने एक दिन भी ऑफिस में काम नहीं किया।

दरअसल, कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने उसे ऑफर लेटर देकर अनुबंध साइन तो कराया, लेकिन कभी जॉइनिंग के लिए नहीं बुलाया। 5 महीने के कॉन्ट्रैक्ट के बावजूद उसे ऑफिस बुलाने में टालमटोल की गई।

कर्मचारी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

कर्मचारी ने अदालत में याचिका दाखिल कर बताया कि उसने कंपनी के साथ 11 नवंबर 2024 से 7 अप्रैल 2025 तक का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। लेकिन कंपनी ने न तो उसे काम पर बुलाया और न ही कोई स्पष्ट कारण बताया। इस गैर-पेशेवर रवैये के खिलाफ उसने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई।

कंपनी को चुकानी होगी बकाया सैलरी

खलीज टाइम्स के अनुसार, कर्मचारी के अनुबंध के तहत बेसिक सैलरी 7,200 दिरहम तय थी जबकि कुल मासिक वेतन 24,000 दिरहम के पैकेज में था। अदालत ने सभी सबूतों और दस्तावेजों की समीक्षा के बाद कंपनी को आदेश दिया कि वो कर्मचारी को लगभग 26 लाख रुपए का भुगतान करे।

कंपनी ने दी सफाई, कोर्ट ने नहीं मानी

कंपनी ने दलील दी कि कर्मचारी ने खुद छुट्टी ली थी, इसलिए उसे बुलाया नहीं गया। कर्मचारी ने 8 दिन की छुट्टी की बात भी मानी। इसके बावजूद कोर्ट ने माना कि कर्मचारी को जानबूझकर काम से रोका गया। 8 दिन की छुट्टी का वेतन काटकर कोर्ट ने आदेश दिया कि कंपनी शेष 4 महीने 18 दिन की सैलरी कर्मचारी को अदा करे।

फैसले में कोर्ट ने कहा, वेतन रिपोर्ट, अनुबंध और अन्य दस्तावेजों से यह साफ जाहिर है कि देरी के लिए कंपनी जिम्मेदार है। कर्मचारी को न्याय मिलना चाहिए। इस तरह UAE में यह फैसला अब मिसाल बन गया है कि कोई कंपनी अपने कर्मचारी के साथ अनुचित व्यवहार नहीं कर सकती, चाहे वो काम शुरू हुआ हो या नहीं।