जशपुर। रिश्वत लेते पकड़े गए नायब तहसीलदार कमलेश कुमार मिरी को 3 साल की सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, सत्येन्द्र कुमार साहू की अदालत ने सुनाया है।

पीड़ित से रूपये लेते पकड़े गए थे रंगे हाथ

यह मामला वर्ष 2020 का है, जब कमलेश मिरी, बतौर नायब तहसीलदार जशपुर तहसील में पदस्थ थे। उन्होंने प्रार्थी अनोज कुमार गुप्ता से भूमि नामांतरण और ऋण पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने के बदले में ₹3 लाख की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत के बाद लोकायुक्त (एसीबी) टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया था।

ऐसे अफसरों की वजह से…

इस मामले की सुनवाई के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने कमलेश मिरी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 07 के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे अफसरों की वजह से आम जनता का व्यवस्था से भरोसा उठता है, इसलिए सख्त सजा जरूरी है।

उदयपुर में हैं प्रभारी तहसीलदार

कमलेश मिरी वर्तमान में सरगुजा जिले के उदयपुर में प्रभारी तहसीलदार के रूप में पदस्थ हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद उनके खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई तेज होने की संभावना है।

यह था मामला

27 अगस्त 2020 को नायब तहसीलदार कमलेश कुमार मिरी ने जमीन के नामांतरण के एवज में अनोज कुमार गुप्ता से 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। आवेदक ने 10 डिसमिल जमीन का क्रय किया था। जिसका रजिस्ट्रेशन उनके नाम पर हो गया था। नामांतरण के लिए आवेदक से 3 लाख रुपये की मांग कर रहा था। बाद में आरोपी तहसीलदार से बातचीत के बाद किस्तो में पैसे देने की सहमति बनी थी। जशपुर तहसील कार्यालय में एसीबी की टीम ने रंगे हाथ धर दबोचा था।