रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च में मान्यता प्रक्रिया के दौरान कथित रिश्वतखोरी और रिपोर्ट में हेराफेरी का मामला सामने आया है। CBI ने सोमवार को तीन डॉक्टरों समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर देशभर में फैले भ्रष्टाचार के एक और जाल को उजागर किया।

इस पूरे प्रकरण में आरोप है कि संस्थान के पदाधिकारी और बिचौलिए मिलकर मेडिकल काउंसिल की मान्यता रिपोर्ट को अनुकूल बनाने के लिए निरीक्षणकर्ताओं को रिश्वत दे रहे थे। 55 लाख रुपये की यह रिश्वत बेंगलुरु में दी गई थी, ताकि संस्थान को बिना तय मानकों के ही हरी झंडी मिल सके।

CBI को जब पुख्ता सूचना मिली कि मान्यता रिपोर्ट के बदले बड़ी रिश्वत दी जा रही है, तब एजेंसी ने योजनाबद्ध तरीके से छत्तीसगढ़ समेत देश के छह राज्यों में एक साथ कार्रवाई की। रायपुर में प्रमुख स्थानों पर छापेमारी हुई और सबूत जुटाए गए।

गिरफ्तार किए गए लोगों में तीन डॉक्टर (निरीक्षण प्रक्रिया में शामिल), संस्थान का एक वरिष्ठ पदाधिकारी और तीन बिचौलिए शामिल हैं।

40 ठिकानों पर छापे, डिजिटल सबूत जब्त

CBI की यह कार्रवाई सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रही। दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, यूपी और मध्य प्रदेश सहित देशभर में 40 से ज्यादा स्थानों पर छापेमारी की गई, लेकिन केंद्र में रहा नवा रायपुर का यह निजी मेडिकल कॉलेज, जहां से पूरा मामला शुरू हुआ।

CBI अधिकारियों ने कहा कि यह मामला देश की मेडिकल शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका संकेत है। एजेंसी अब दस्तावेजों की गहन जांच, आरोपियों की पूछताछ और आर्थिक लेन-देन की परतें खोलने में जुटी है। CBI ने साफ किया है कि यह सिर्फ शुरुआत है, आगे और मेडिकल संस्थानों की भूमिका की भी जांच हो सकती है।