नई दिल्ली। लंबे समय से लड़ाकू विमानों की भारी कमी से जूझ रही भारतीय वायुसेना का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते हवाई खतरे के बीच भारत में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय वायुसेना 39 हजार करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस मार्क-1A फाइटर जेट खरीदने जा रही है। ये अत्याधुनिक तेजस विमान पहले से इस्तेमाल हो रहे तेजस विमानों से काफी अलग हैं।

आइए जानते हैं दुनिया के सबसे छोटे हवाई शिकारी की ताकत….
इंडियन एयरफोर्स की शान बनने जा रहे तेजस मार्क-1A विमान दुनिया के सबसे छोटे लड़ाकू विमान माने जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक छोटे होने के बाद भी यह विमान दुश्मन को मार गिराने की हर ताकत से लैस होगा। नया तेजस लंबी दूरी तक हवा से हवा में मार करने में सक्षम डर्बी और भारत में अस्त्र मिसाइलों से लैस होगा। ये मिसाइलें दुश्मन के फाइटर जेट के आंखों से नहीं दिखाने पर भी निशाना बनाने में सक्षम हैं।
ब्रह्मोस से लैस होगा तेजस
तेजस फाइटर जेट दुनिया की सबसे खतरनाक क्रूज मिसाइलों में शामिल ब्रह्मोस से लैस होगा। तेजस में तैनात करने के लिए ब्रह्मोस का हवा से लॉन्च किया जाने वाला संस्करण तैयार है। तेजस एक बार में दो ब्रह्मोस एनजी मिसाइलें ले जा सकेगा। हवा से जमीन पर मार करने वाली इन मिसाइलों के जरिए करीब 300 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के किसी ठिकाने को तबाह किया जा सकेगा। ब्रह्मोस को भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है।
आइसा रेडॉर बनेगा तेजस की ‘आंख’
विशेषज्ञों के मुताबिक भारत का तेजस विमान अत्याधुनिक आइसा रेडार से लैस होगा। ये रेडॉर इजरायल ने बनाए हैं और पूरी तरह से जाम प्रूफ हैं। इस रेडॉर की मदद तेजस के पायलट को दुश्मन के विमानों को ट्रैक करने और उसे निशाना बनाने की अचूक ताकत मिल जाएगी। तेजस मार्क-1A जेट के अंदर हवा में ही ईंधन भरने की सुविधा होगी। इससे यह फाइटर जेट लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम हो जाएगा। तेजस मार्क-1 का वजन करीब 12 टन होगा।
अमेरिकी इंजन से मिलेगी अद्भुत ताकत
सिंगल इंजन वाले तेजस जेट में अमेरिका की जीई कंपनी का बनाया हुआ F404 टर्बोफैन इंजन लगा हुआ है। इस बेहद शक्तिशाली इंजन की मदद से तेजस 2200 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। तेजस करीब 1700 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। तेजस को भारत की कंपनी एचएएल ने बनाया है। यह विमान वायुसेना में रूस निर्मित मिग-21 की जगह लेगा। तेजस अपनी इन्हीं खूबियों की वजह से चौथी पीढ़ी का विमान माना जाता है।
तेजस के सामने कहीं नहीं टिकता पाक जेट
तेजस फाइटर जेट की तुलना अक्सर पाकिस्तान के फाइटर जेट JF-17 थंडर से की जाती है। JF-17 थंडर को पाकिस्तान ने चीन की मदद से तैयार किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक तेजस चौथी पीढ़ी का विमान है और JF-17 थंडर तीसरी पीढ़ी का फाइटर जेट। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक जेएफ-17 मिग-21 का उन्नत संस्करण है जिसे चीन ने पाकिस्तान के लिए बनाया है। तेजस JF-17 थंडर की तुलना में काफी आगे है। तेजस में पायलट को हरेक डेटा ग्लास से बने कॉकपिट में रियल टाइम मिल जाता है जबकि पाकिस्तानी जेट में यह सुविधा नहीं है।
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