दुर्ग। आज एक तरफ अपनी फिरकी के लिए मशहूर क्रिकेटर अनिल कुंबले ( Former Cricketer Anil Kumble ) खड़े थे। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel ) । बस देखते ही देखते अपनी कलाई का जौहर दिखाते हुए अनिल कुंबले ने बॉल फेंकी। एक छोर में सीएम बघेल ने उनकी बॉल पर जोरदार शॉट मार दिया। बस फिर क्या था हर तरफ तालियां गूंजने लगी।

दरअसल यह सब दुर्ग जिले मुर्रा गांव का नजारा था। जहां राज्य स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्टार क्रिकेटर अनिल कुंबले के साथ पहुंचे थे। शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम के पहले मुख्यमंत्री ने स्कूल में मौजूद सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए लगाए गए नेट में अनिल कुंबले के साथ क्रिकेट खेल बच्चों का हौसला बढ़ाया। बाद में ताइक्वांडों के खिलाड़ियों से भूपेश बघेल और कुंबले ने मुलाकात की।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर @anilkumble1074 के साथ क्रिकेट खेलकर एनीमेशन एवं मोबाइल ऐप के माध्यम से बच्चों में पढाई के प्रति रुचि जगाने स्कूल शिक्षा विभाग के कार्यक्रम #CaAT की शुरुआत की। #blackboardtokeyboard #ब्लैक_बोर्ड_से_कीबोर्ड_की_ओर pic.twitter.com/2Yev675QuX
— Jansampark CG (@DPRChhattisgarh) June 26, 2019
कभी साइकिल से आते थे यहां पढ़ने सीएम बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel ) ने अपने गृह ग्राम बेलौदी में 1967 से 1971 तक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की थी। इसके बाद वे छठवीं से मैट्रिक तक मर्रा स्कूल में पढ़े। उस दौर में उनको गणित पढ़ाने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक हीरा ठाकुर याद करते हैं कि पढ़ाई को लेकर उनमें काफी लगन थी। उस समय हर कक्षा में लगभग 100 विद्यार्थी होते थे इसलिए सबकी शंकाओं का समाधान क्लास में नहीं हो पाता था। जिसके चलते वे एक्सट्रा क्लास भी लिया करे थे। इन छात्रों में भूपेश बघेल भी शामिल थे जो देर तक गणित समझा करते थे।
विद्यार्थी के रूप में बघेल सुबह-सुबह चार किमी तक कभी साइकिल से आते और कभी बरसात की वजह से पैदल आते थे। दरअसल पगडंडी का रास्ता बरसात में काफी खराब हो जाता था। फिर बेलौदी लौटते और फिर साढ़े दस बजे स्कूल के समय में पहुंच जाते। इस प्रकार सोलह किमी रोज उन्हें साइकिल से अथवा पैदल तय करना होता।
भूपेश बघेल को पढ़ा चुके हीरा ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां ग्यारहवीं तक पढ़ाई की। जब भी वे अपने गृह ग्राम बेलौदी अथवा कुरूदडीह जाते, अवसर मिलने पर मुलाकात के लिए आते। लंबी चर्चा होती और अंचल के विकास के बारे में, खेती किसानी के बारे में और बच्चों की शिक्षा के विषय में बात होती। शिक्षक श्री ठाकुर को इस बात का गौरव है कि उनका पढ़ाया हुआ छात्र आज प्रदेश का मुख्यमंत्री है।