नई दिल्ली। पंजाब सरकार के पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिध्दू (punjab’s tourism minister navjot singh siddhu )ने अपने पद से इस्तीफा(resigns) दे दिया है। इसका खुलासा उन्होंने खुद अपने ट्विटर(twitter) एकाउंट पर ट्वीट कर के किया। उन्होंने बाकायदा अपना दो लाइन के resigne latter की कॉपी भी पोस्ट की है। हालांकि resigne latte में तारीख 10 जून की दिखाई दे रही है। उन्होंने ये भी साफ किया कि उन्होंने तो इस्तीफा दस जून को ही दे दिया था।

Congress leader Navjot Singh Sidhu tweets copy of his resignation letter, states, "My letter to the Congress President Shri. Rahul Gandhi Ji, submitted on 10 June 2019." pic.twitter.com/ZImtxPrsXj
— ANI (@ANI) July 14, 2019
क्या है इस्तीफे के पीछे का कारण:
दरअसल नवजोत सिंह सिध्दू(navjot singh siddhu) की वहां के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह(chiefminister amrinder singh) ने बिल्कुल भी नहीं बनती। यही कारण है कि दोनों एक दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते ही रहते हैं। इस जले पर खाज ये हो गई कि हालफिलहाल में सीएम अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिध्दू को पर्यटन विभाग से हटाकर किसी दूसरे विभाग का चार्ज दे दिया। बस यही बात नवजोत सिंह सिध्दू को नागवार गुजर गई। उन्होंने आवदेखा न ताव आनन फानन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को इस्तीफा दे मारा। जानकार तो ये भी बता रहे हैं कि उनकी शिकायतों को जब राष्टÑीय अध्यक्ष ने अनदेखा करना शुरू किया तब उन्होंने ऐसा कदम उठाया है। अब ऐसे में देखना ये होगा कि पहले से ही नेतृत्व के संकट में आ चुकी कांग्रेस इस पर क्या फैसला लेती है?
पत्नी को टिकट नहीं मिलने पर गहराया था विवाद
लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने अमरिंदर के खिलाफ नाराजगी जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें अमरिंदर की वजह से अमृतसर सीट से टिकट नहीं मिला। वहीं, सिद्धू ने भी पत्नी का समर्थन किया था। हालांकि, अमरिंदर ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था।
पाक सेना प्रमुख से गले मिलने पर कैप्टन ने विरोध जताया था
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण में सिद्धू के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से गले मिलने पर कैप्टन अमरिंदर ने विरोध जताया था। इसके बाद 2018 में जब सिद्धू करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान पाकिस्तान गए तो अमरिंदर ने कहा था कि सिद्धू हाईकमान की परमिशन के बिना वहां गए हैं।
क्रिकेट से राजनीति तक सिद्धू
1983 से 1999 तक सिद्धू क्रिकेट खिलाड़ी रहे। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उन्हें भाजपा ने टिकट दिया। 2004 में वह अमृतसर की लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। हालांकि, जनवरी 2007 में पुराने गैर-इरादतन हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आते ही उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी। 2007 के उपचुनाव में भी सिद्धू ने अमृतसर सीट पर दोबारा जीत हासिल की थी। 2009 में उन्होंने अमृतसर सीट पर जीत हासिल की। मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी कर दिया।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें और Twitter पर Follow करें
एक ही क्लिक में पढ़ें The Rural Press की सारी खबरें