टीआरपी डेस्क। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार बनते ही नारदा स्टिंग टेप केस की जांच फिर से शुरू हो गई है। जांच एजेंसी ने सोमवार को कई जगह छापे मारे। जिसके बाद इस घोटाले के आरोपी कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी से पूछताछ शुरू की। पूछताछ के बाद सभी को अरेस्ट कर लिया गया। अब इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। CBI कोर्ट से इन चारों नेताओं की कस्टडी मांगेगी।

इस कार्रवाई के दौरान एक बार फिर केंद्रीय मंत्री और बंगाल सरकार के बीच तनातनी देखने को मिली। जानकारी अनुसार, अपने मंत्रियों से पूछताछ के दौरान ही बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी CBI के दफ्तर पहुंचीं। इसके अलावा उन्होंने एजेंसी से कहा कि आप मुझे भी गिरफ्तार करिए। वहीं उनके वकील का कहना है कि बिना नोटिस के मंत्रियों और विधायक को अरेस्ट नहीं किया जा सकता है।
#WATCH | West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee arrived at the CBI office pic.twitter.com/eNvpSeu692
— ANI (@ANI) May 17, 2021
CBI टीम ने नेताओं के घर की छापेमारी
बता दें, CBI की टीम सोमवार सुबह ही परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष फिरहाद हकीम के घर पहुंची। थोड़ी देर की तलाशी के बाद फिरहाद हकीम को CBI अपने साथ ले जाने लगी। इस दौरान फिरहाद हकीम ने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है। CBI की टीम सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा को भी लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची। इसके अलावा पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर भी CBI की टीम ने छापेमारी की।
राज्यपाल ने दी अनुमति
गौरतलब है कि पिछले दिनों ही CBI ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी। यह सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था। चुनाव के तुरंत बाद राज्यपाल ने CBI को इजाजत दे दी थी।
बता दें, 2016 में बंगाल में असेंबली इलेक्शन से पहले नरादा न्यूज पोर्टल ने जुड़े टेप जारी किए गए थे। इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद दावा किया गया कि टेप 2014 में रिकॉर्ड किए गए हैं। टेप के हवाले से तृणमूल के मंत्री और, सांसद और विधायकों को डमी कंपनियों से कैश लेने का आरोप लगाया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट में यह मामला पहुंचा था। हाईकोर्ट ने 2017 में इसकी CBI जांच के आदेश दिए थे।
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