काबुल। तालिबान और अमेरिका के बीच हुए शांति समझौते के तहत अफगानिस्तान ने 100 तालिबानी कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है। इसके साथ ही इस क्षेत्र से अमेरिका के अपनी सेना को हटाने के प्लान के आगे बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं।

इससे एक दिन पहले ही तालिबान ने अफगानिस्तान के साथ यह कहकर बातचीत करने से इनकार कर दिया था कि सरकार जानबूझकर देरी कर रही है।

इसी साल अमेरिका और तालिबान के बीच यह समझौता हुआ था कि अफगानिस्तान और तालिबान शांति की स्थापना और युद्धविराम के लिए आपस में चर्चा करेंगे।

इसके बदले में अमेरिका अपनी सेना को हटा लेगा। इस डील के तहत 10 मार्च तक तालिबानी कैदियों को रिहा किया जाना था लेकिन यह प्रक्रिया अब जाकर पूरी की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान 100 कैदियों को रिहा करेगा। हालांकि, इनमें तालिबान की ओर से मांगे गए उसके कमांडर हैं या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

एक-दूसरे पर आरोप

इससे पहले तालिबान में देरी को लेकर नाराजगी थी और मंगलवार को काबुल भेजे अपने प्रतिनिधमंडल को भी उसने वापस बुला लिया था।

पिछले महीने भी अफगानिस्तान सरकार की ओर से शांति समझौते के लिए बनाई गई टीम से बात करने से तालिबान ने इनकार कर दिया था। वहीं, सरकार ने तालिबान पर आरोप लगाया था वह शांति की स्थापना में दिलचस्पी ही नहीं रखता है।

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