टीआरपी डेस्क। मकर संक्रांति और पोंगल का पावन पर्व देशभर में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म में मकर संक्रांति का बहुत ही महत्व है। वहीं तमिल में मकर संक्रांति को पोंगल के रूप में मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति का त्योहार

कहा जाता है की इस दिन पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी इस पर्व को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 14 जनवरी दिन गुरुवार को है। इस दिन जप, तप, दान और स्नान का विशेष महत्व है।

इस मकर संक्राति में सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब पांच ग्रहों का संयोग बनेगा, जिसमें सूर्य, बुध, गुरु, चंद्रमा और शनि भी शामिल रहेंगे। जानकारी के मुताबिक ऐसा पंचग्रही योग 59 साल पहले सन 1962 में सक्रांति पर बना था। इस बार संक्राति में कई विशेष संयोग बन रहे हैं, जो इस पर्व को और भी शुभ बना रहे हैं।

4 दिन तक मनाया जाता है पोंगल त्यौहार

चार दिन तक चलने वाला पोंगल त्यौहार तमिल महीने ‘तइ’ की पहली तारीख से शुरू होता है। इस वजह से तमिलनाडु में नए साल के रूप में भी इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति और लोहड़ी (Makar Sankranti and Lohri) की तरह पोंगल भी फसल और किसानों का त्योहार है।

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

इस बार यह पर्व 14 जनवरी दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। इस बार ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी को 08:30 मिनट पर अपने पुत्र शनि के मकर राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं, दिन भर में पुण्य काल करीब शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।

संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व होता है। आज के दिन सूर्य देव को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, स्वर्ण, सुपारी, लाल फूल, नारियल, दक्षिणा आदि अर्पित किया जाता है। मकर संक्रांति के पुण्य काल में दान करने से अक्षय फल एवं पुण्य की प्राप्ति होती है।

ऐसे करें मकर संकांति की पूजा

  • सुबह जल में गंगाजल, सुगंध, तिल, सर्वऔषधि मिलाकर स्नान करें।
  • भगवान विष्णु की पूजा करें, भगवान को तिल, गुड़, नमक, हल्दी, फूल, पीले फूल, हल्दी, चावल भेट करें. घी का दीप जलाएं और पूजन करें।
  • इसके बाद सूर्यदेव को जल में गुड़ तिल मिलाकर अर्घ्य दें।
  • जल में काले तिल, गुड़ डालकर पीपल को जल दें।
  • जरूरतमंदों को तिल, गुड़, चावल, नमक, घी, धन, हल्दी जो भी भगवान को भेट किया वह दान कर दें।
  • सूर्यपुराण, शनि स्तोत्र, आदित्यहृदय स्तोत्र, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना लाभकारी रहेगा।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर…

Trusted by https://ethereumcode.net