नई दिल्ली : 19 नवम्बर को प्रधानमंत्री ने से तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की थी, और इसके बाद कल सोमवार को संसद के दोनो सदनों में इनको वापस लेने संबंधी बिल भी पारित हो गया इसके बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है। वर्ष भर से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग पर अड़ गए हैं।

कृषि कानून की वापसी के बाद केन्द्र सरकार का रूख अब किसानों की इस मांग को लेकर भी नरम नजर आ रहा है। केन्द्र सरकार ने इस मसले पर बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं। सुचना के अनुसार केन्द्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा की बातचित कहीं न कहीं 19 नवंबर से ही शुरू हो गई थी। सरकार ने आज संयुक्त किसान मोर्चा से पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं जिन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर बनने वाली कमेटी में शामिल किया जाएगा।

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