नई दिल्ली। धरती के अंदर हो रही हलचल से लगातार भूकंप के हल्के झटके आ रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर दिल्ली-एनसीआर पर पड़ रहा है। पिछले दो महीनों में यहां करीब 7 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
वैज्ञानिकों के अनुसार दिल्ली समेत आस-पास के इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा है। क्योंकि ये जोन 4 में आता है। ये वो जोन है, जहां 7.9 तीव्रता तक की बड़ी तबाही आ सकती है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने कुछ खास इलाकों को चिंह्ति किया है, जहां भूकंप आने की आशंका सबसे ज्यादा है।

टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने पर आते हैं भूकंप
धरती के नीचे टेक्‍टोनिक प्‍लेट्स होती हैं। जब ये प्लेट्स खिसकती हैं तब भूकंप आते हैं। खतरा तब ज्यादा बढ़ जाता है जब झटके फॉल्ट लाइन प्रेशर की वजह से आए। ये वो जगह होती हैं जहां टेक्टोनिक्स प्लेटें जुड़ी हुई होती हैं। ऐसी जगहों पर टकराव ज्यादा होता है। इनके आस-पास वाले इलाकों में भूकंप का खतरा सबसे ज्यादा होता है। दिल्ली-एनसीआर में ऐसी कई जगह हैं जहां बहुत से फॉल्ट लाइन प्रेशर हैं।

इन इलाकों पर मंडरा रहा खतरा
वैज्ञानिकों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में कई ऐसे इलाके हैं जहां टेक्टोनिक प्लेट्स जुड़े हुए हैं। इसलिए यमुना तट के करीबी इलाके, पूर्वी दिल्ली, शाहदरा, मयूर विहार, लक्ष्मी नगर, गुड़गांव, रेवाड़ी और नोएडा के नजदीकी क्षेत्रों में भूकंप की आशंका सबसे ज्यादा है। यहां 7.9 तीव्रता तक के बड़े भूकंप आ सकता हैं।

दो महीने में 7 भूकंप

3 जून, 2020 को नोएडा में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई थी। इसका केंद्र दक्षिण-पूर्व नोएडा में था।
29 मई, 2020 को दिल्ली और इससे सटे कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.6 मापी गई।
28 मई, 2020 को भी दिल्ली में भूकंप आया था। इसकी तीव्रता 2.5 थी।
15 मई, 2020-15 को दिल्ली में हलके झटके महसूस किए गए थे।भूकंप की तीव्रता केवल 2.2 थी।
10 मई, 2020 की दोपहर 1.45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.5 थी।
13 अप्रैल, 2020 को आए भूकंप का केंद्र दिल्ली ही था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 आंकी गई थी।
12 अप्रैल, 2020 को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई थी।