टीआरपी न्यूज रायपुर। अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) के अलावा प्रदेश के 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में हार्ट के मरीजों का इलाज जल्द शुरू होगा। इसके लिए कार्डियोलॉजिस्ट नियुक्त किए जाएंगे, जहां नहीं मिलेंगे, वहां निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी। अभी एसीआई में दो कार्डियोलॉजिस्ट ही दिल के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। किसी भी मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पतालों में हार्ट स्पेशलिस्ट नहीं हैं। हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रदेश में केवल एसीआई में कैथलैब यूनिट है। वहां कार्डियो थोरेसिक सर्जरी एंड वेस्कुलर सर्जरी विभाग भी है।

सिम्स बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, राजनांदगांव व जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में कैथलैब तथा कार्डियोलॉजिस्ट भी नहीं हैं। लोगों को परेशानी न हो और उन्हें पास के शहर में इलाज मिल सके, इसलिए सभी मेडिकल कॉलेजों में कार्डियोलॉजी विभाग खोलने जा रहा है। इससे लोगों को एसीआई आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अंबिकापुर जगदलपुर इलाके का मरीज वहां इलाज करवा सकता है। केस क्रिटिकल होगा, तभी उन्हें एसीआई आना पड़ेगा।

बायपास सर्जरी जल्द शुरू

अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में बायपास सर्जरी भी नहीं हो रही है। सीजीएमएससी जरूरी उपकरणों की खरीदी में देरी कर रहा है। हालांकि प्रबंधन की ओर से बार-बार रिमाइंडर भेजा जा रहा है। मार्च तक बायपास सर्जरी शुरू होने की संभावना कम है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि बायपास सर्जरी जल्द शुरू कर दी जाएगी।

ओपीडी में रोजाना पहुंच रहे है 100 से ज्यादा मरीज

एसीआई में कार्डियोलॉजी व सीटीवीएस विभाग की ओपीडी में राेजाना 100 से ज्यादा मरीजाें का इलाज किया जा रहा है। जिला अस्पताल रायपुर में एसीआई के अलावा निजी अस्पतालों के कार्डियोलॉजिस्ट की सेवाएं ली जा रही हैं। यही नहीं नेफ्रोलॉजिस्ट, हिमेटोलॉजिस्ट, गैस्ट्रोलॉजिस्ट, न्यूरो सर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट की सेवाएं भी ली जा रही हैं। मरीजों को लाभ मिल रहा है, इसलिए सरकारी सेवाओं में उनकी संख्या भी बढ़ने लगी है।

एम्स में भी हार्ट का इलाज

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भी हार्ट के मरीजों का इलाज हो रहा है। कार्डियोलॉजी विभाग में दो व सीटीवीएस विभाग में तीन डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। वहां वॉल्व रिप्लेसमेंट भी हो रहा है। जबकि एसीआई में हार्ट लंग मशीन तो आ गई है, लेकिन जरूरी उपकरण व स्टाफ की भर्ती नहीं होने के कारण वॉल्व रिप्लेसमेंट नहीं हो पा रहा है।

 

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