बीजेपी चिंतन शिविर: तैयार हुआ रोडमैप 2023, बोले पूर्व CM रमन सिंह- बेरोज़गारी भत्ता, शराबबंदी जैसे कई वादों पर सरकार हुई फेल

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी का चिंतन शिविर गुरुवार को संपन्न हुआ। इसमें शिविर में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विजय का रोडमैप तैयार किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हमारा स्पष्ट मानना है कि जनता को यदि सरकार ने वादा किया है तो उन वादों को पूरा करना होगा, नहीं तो जनता हिसाब करेगी।

चिंतन शिविर के समापन के बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता ली। रमन सिंह ने कहा कि चिंतन शिविर हम कर रहे हैं, लेकिन चिंता कांग्रेस में पसरी है। कांग्रेस में कुर्सी दौड़ चल रही है, ये नहीं पता कि कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा? पूरा प्रशासन पंगु हो गया है।

उन्होंने शिविर को लेकर कहा कि आगामी रणनीति और बीजेपी की कार्ययोजना तय हुई। हमने शॉर्ट टर्म और लाँग टर्म की स्ट्रेटजी तैयार की है। 8 सत्रों में चर्चा हुई, सामूहिक निर्णय लिए गए साथ ही मुद्दों की पहचान की गई। सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों को गतिशील किए जाने की रणनीति बनी है। शक्ति केंद्र और बूथ स्तर तक संगठन को गतिशील किया जाएगा, यदि ये गतिशील नहीं हुआ तो लक्ष्य हासिल नहीं होगा।

डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य में आज भी किसानों को खाद नहीं मिल रहा, बिजली नहीं मिल रही। हम सरकार से माँग करते हैं कि अकाल की स्थिति को देखते हुए सरकार रिलीफ़ की घोषणा करें। जन घोषणा पत्र को लेकर कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता की आँखों में धूल झोंका है। बेरोज़गारी भत्ता, शराबबंदी जैसे कई वादों पर सरकार फेल हुई है। बिजली की कटौती चल रही है। किसान इस तरह से दो तरफा परेशान है। किसानों को दोगुनी कीमत पर यूरिया मिल रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंदूपत्ता समेत लघु वनोपज की खरीदी की व्यवस्था चौपट हो गई है। धर्मान्तरण को लेकर भी चर्चा हुई है। ढाई सालों में राज्य में यह तेज़ी से बढ़ा है. ये सरकार के संरक्षण में हो रहा है। नक्सलवाद की व्यापकता बढ़ती जा रही है। वनवासियों में नाराज़गी है। सिलगेर में गोलीकांड को लेकर आदिवासियों में नाराजगी है। बस्तर में बीजेपी के सिकुड़ने पर रमन सिंह ने कहा कि हम पिछले चुनाव में पीछे रहे, लेकिन लोकसभा में हम मजबूत रहे।

 

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