नई दिल्ली/रायपुर। देश में कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गुरुवार को हुई।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू सहित सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में कोरोना संकट और लॉकडाउन से उपजे हालातों पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। सोनिया गांधी ने किसानों, बेरोजगारों और गरीबों का मुद्दा उठाया और सभी परिवार के लिए 7500 रुपए की केंद्र सरकार से मांग की।

पीपीई किट की खराब गुणवत्ता पर चिंता

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब गुणवत्ता पर चिंता जाहिर की और कहा कि देश में कोरोना टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह काफी चिंता की बात है।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खोई हैं। प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। वह सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

किसानों को सबसे अधिक कठिनाइयों में

किसानों का मुद्दा उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से किसानों को सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों से किसानों बेहाल हैं और उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। अगले चरण के खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।

बता दें कि इससे पहले दो अप्रैल को सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई थी जिसमें कोरोना वायरस संकट पर चर्चा करने के साथ सरकार से छोटे उद्योगों, किसानों, मजदूरों और वेतनभोगी वर्ग के लिए राहत की मांग की गई थी।

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