CBI-ED के प्रमुखों का कार्यकाल 5 साल तक बढ़ा, सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगी सभी विपक्षी पार्टियां

टीआरपी डेस्क। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुखों के कार्यकाल को दो साल से बढ़ाकर पांच साल बढ़ाए जाने के फैसले पर अब विवाद खड़े हो रहे हैं। विपक्ष ने इस अध्यादेश पर सवाल खड़े किए हैं।

इस मामले पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का बयान सामने आया है। उन्होंने इन अध्यादेशों को केंद्र की तरफ से अधिकारियों के लिए संदेश बताया है। इसी के साथ ही केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ सभी पार्टियों को साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट जाने की अपील भी की है।

उन्होंने कहा, ”यह अध्यादेश अधिकारियों के लिए एक संदेश है कि अगर हमने (केंद्र) आपको नियुक्त किया है और अगर आप हमारे आदेश के अनुसार काम करते रहें, विपक्ष को परेशान करते रहें, तो आपका कार्यकाल साल-दर-साल बढ़ता जाएगा। इस पर सभी दलों को संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए।’

उन्होंने आगे कहा, ”यह अध्यादेश अवैध है। यह सुप्रीम कोर्ट के 1998 के जैन हवाला मामले के फैसले का खंडन करता है जिसमें कोर्ट ने सीबीआई और ईडी निदेशक के कार्यकाल को 2 साल के बाद रद्द कर दिया था ताकि केंद्र की सरकार दोनों एजेंसियों को किसी भी गलत काम के लिए मजबूर न करे।”

बता दें कि फिलहाल केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का वर्तमान में दो साल का कार्यकाल होता है। ऐसे में अब सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश के मुताबिक दो साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद हर साल तीन साल तक के लिए अध्यादेश के अनुसार विस्तार दिया जा सकता है। ये एक्शटेंशन कुल 5 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

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