छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने सूचनाएं न देने पर 5 ग्राम पंचायत सचिवों पर लगाया 25-25 हजार का जुर्माना, राज्य सूचना आयुक्त धनवेंद्र जायसवाल ने दिया फैसला

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने आवेदक को मांगी गई सूचना समय पर उपलब्ध नहीं कराने पर 5 ग्राम पंचायत सचिवों पर 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि वेतन से काटकर सरकारी खजाने में जमा करने का निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य सूचना आयुक्त धनवेंद्र जायसवाल ने जानकारी नहीं देने वाले इन 5 ग्राम पंचायत सचिवों पर जुर्माना लगाया है।

जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा के शरद देवांगन ने ग्राम पंचायत शंकरपाली के सचिव पद्मलोचन चक्रपाणी, पुटीडीह के सचिव नरहरि प्रसाद पटेल, छवारीपा ली और ठाकुरपाली के सचिव अलेख राम सिदार से अलग-अलग सूचनाएं मांगी थीं।

इनमें एक अप्रैल 2013 से 31 अक्टूबर 2016 के बीच स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय निर्माण के लिए जारी राशि के चेक की काउंटर फाइल की मांग की गई थी। सूचना का अधिकार कानून के तहत आवेदन प्राप्ति के 30 दिवस के भीतर जानकारी देनी होती है। इन जनसूचना अधिकारियों ने उन्हें सूचना नहीं दी।

शरद देवांगन ने डभरा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के यहां अपील की। जनपद पंचायत CEO ने सूचना उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया, उसके बाद भी सचिवों ने जानकारी देना जरूरी नहीं समझा। उसके बाद मामला राज्य सूचना आयोग पहुंचा।

राज्य सूचना आयुक्त ने मामले की सुनवाई के बाद सूचना छिपाने वाले सचिवों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। उन्होंने जनपद पंचायत डभरा के CEO को निर्देश दिए हैं कि जुर्माने की राशि की वसूली संबंधित सचिवों के वेतन से काटकर जमा कराई जाए। आदेश का पालन करने के बाद जनपद पंचायत CEO को एक रिपोर्ट भी भेजनी होगी।

आयोग की नोटिस के बाद भी नहीं आए अधिकारी

मामला सूचना आयोग पहुंचा तो प्रथम अपीलीय अधिकारी सुनवाई के लिए आए ही नहीं। उनकी ओर से कोई जवाब भी दाखिल नहीं हुआ। राज्य सूचना आयोग ने शिकायतकर्ता की दलील सुनी और उसके आधार पर फैसला सुना दिया।

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