16 जनवरी 2021 को देश भर में शुरू हुए कोविड वैक्सीनेशन अभियान ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। भारत में कोविड-19 टीकाकरण अभियान ने 220

टीआरपी डेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के वैज्ञानिकों के एक अंतर्राष्ट्रीय समूह के अनुसार कोरोना वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) पर इतना असरदार है कि सामान्य आबादी को वैक्सीन लेने के बाद बूस्टर शॉट (Booster Shot) की जरूरत नहीं पड़ेगी।

दरअसल हाल ही में वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि फिलहाल सबसे खतरनाक माना जाने वाला डेल्टा वैरिएंट पर वैक्सीन के प्रभावकारिता की कमी का कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख लेखक डॉ एना-मारिया हेनाओ-रेस्ट्रेपो का कहना है कि अगर बूस्टर से इम्युनिटी बढ़ाई भी जा रही हो तो फिलहाल हमें इन टीकों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।

फिलहाल बूस्टर वैक्सीन की जरूरत नहीं है

वहीं अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कहा है कि जिन लोगों को टीके की दोनों खुराक लगाई जा रही है उन्हें डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) से घबराने की जरूरत नहीं है। न ही उन्हें किसी तरह के बूस्टर शॉट या टीके की जरूरत है। दोनों संस्थाओं ने कहा कि हम लगातार कोरोना के आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं, कभी अगर जरूरत पड़ेगी तो हम तुरंत लोगों को बताएंगे।

75 करोड़ से ज्यादा दिए जा चुके हैं वैक्सीन डोज़ 

वहीं ICMR द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में अब तक 75 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज़ दिए जा चुके हैं। आबादी के हिसाब से बात करें तो देश की करीब 44 प्रतिशत आबादी को कम से कम एक डोज़ लग चुका है। वहीं करीब 14 प्रतिशत को दोनों डोज़ लग चुके हैं। 18 साल से ऊपर की आबादी के हिसाब से देखें को 94 करोड़ में से 60% आबादी को कम से कम एक डोज़ लग चुका है। वहीं करीब 19 प्रतिशत को दोनों डोज़ लग चुके हैं।

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