दिशा कमेटी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य स्तरीय राज्य स्तरीय दिशा कमेटी (डेव्लपमेंट कोऑर्डिनेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी) का गठन हुए तीन वर्ष गुजर चुके हैं। मगर आजतक छत्तीसगढ़ में चार अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

दरअसल राज्य स्तरीय दिशा कमेटी में 4 अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत होनी है। मगर केंद्र सरकार के पास समय नहीं है कि इतनी महत्वपूर्ण समिति में सदस्यों को मनोनीत कर सकें।

राज्य स्तरीय सूची में जगह नहीं बना सके भाजपाई

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य स्तरीय दिशा कमेटी में शामिल होने के लिए भाजपा के वर्तमान व पूर्व विधायकों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से सिफारिश भी की थी। मगर उनकी दाल नहीं गल सकी। लाख कोशिशों के बावजूद भाजपा के विधायक इस राज्य स्तरीय सूची में अपनी जगह नहीं बना सके।

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां न्यू सर्किट हाउस में राज्य स्तरीय दिशा कमेटी (डेव्लपमेंट कोऑर्डिनेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी) की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव, सहित सांसद, विधायक, मुख्य सचिव एवं सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

आज की राज्य स्तरीय दिशा समिति की महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा के दो मनोनीत सांसद अनुपस्थित रहे। लोकसभा सांसद विजय बघेल दुर्ग और मोहन मंडावी कांकेर। इनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही कि ये सांसद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सामना नहीं कर पाते इस कारण उन्होंने बैठक से दूरी बना ली। अब सच्चाई क्या है यह दोनों सांसद ही अच्छी तरह से बता सकते हैं।

क्या है दिशा समिति

जिला विकास समन्वय एवं अनुवीक्षण समिति संबंधित जिले और राज्य स्तर पर भारत सरकार के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करती है। क्षेत्रीय सांसद इन समितियों के सह-अध्यक्ष होते हैं।

सोलहवीं लोकसभा के विघटन और अब सत्रहवीं लोकसभा के गठन के बाद केन्द्र सरकार के निर्देश पर इन समितियों का पुनर्गठन किया जा रहा है। भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार उस प्रदेश का मुख्यमंत्री इस समिति के अध्यक्ष होंगे लेकिन छत्तीसगढ़ में इस समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव को बनाया गया है।

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