टीआरपी डेस्क। उत्तर प्रदेश में शीर्ष प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों की बाढ़ सी आ गई है। ताजा मामला प्रतापगढ़ का है, जहां के जिलाधिकारी के साथ ही दो एसडीएम पर गंभीर आरोप लगाकर एक अतिरिक्त एसडीएम अपनी पत्नी के साथ डीएम के सरकारी बंगले में धरने पर बैठे हैं। डीएम के बंगले का गेट अंदर से बंद है जबकि बाहर सुरक्षा सख्त कर दी गई है।

जांच में एडीएम ने गलत रिपोर्ट लगा दी

प्रतापगढ़ में जिलाधिकारी डॉ. रुपेश कुमार कलेक्ट्रेट परिसर के निकट अपने सरकारी बंगले में रहते हैं। शुक्रवार को दिन में करीब उनके आवास में एक बजे अतिरिक्त एसडीएम विनीत उपाध्याय अपनी पत्नी के साथ धरने पर बैठ गए। उनका आरोप है कि उनके खिलाफ एक जांच में एडीएम ने गलत रिपोर्ट लगा दी। इससे नाराज अतिरिक्त एसडीएम विनीत उपाध्याय ने डीएम डॉ. रुपेश कुमार और दो एसडीएम सहित कई कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

लालगंज इलाके की जमीन पर विद्यालय की मान्यता से जुड़ा मामला

प्रतापगढ़ में मामला लालगंज इलाके की जमीन पर विद्यालय की मान्यता से जुड़ा है। बताया जा रहा है जिस जमीन पर विद्यालय होने की बात कहकर मान्यता ली गई, वहां विद्यालय न होकर दूसरी जगह संचालित हो रहा है। इस मामले की शिकायत आने के बाद एसडीएम अतिरिक्त विनीत उपाध्याय ने जांच की तो ये खुलासा हुआ। उन्होंने जांच रिपोर्ट बनाकर डीएम को फाइल भेज दी। लेकिन वह फाइल दबा दी गई। शासन को नहीं भेजी गई। इसी बात को लेकर विनीत उपाध्याय नाखुश हैं।

फाइल दबाने का गंभीर आरोप

पीसीएस अधिकारी विनीत उपाध्याय ने डीएम डॉ.रुपेश कुमार पर फाइलें दबाने का गंभीर आरोप लगाया है। विनीत उपाध्याय का आरोप है कि एसडीएम सदर, एडीएम वित्त तथा डीएम डॉ. रुपेश कुमार ने मिलकर भ्रष्टाचार किया है। अब मेरे आरोप लगाने के बाद भी डीएम भ्रष्टाचार की जांच नहीं करवा रहे हैं।

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