मिसाल! श्मशान में भीड़ देखकर परेशान किसान ने नगर निगम को दान में दे दी करोड़ों की जमीन

टीआरपी डेस्क। कोरोना महामारी (Corona pandemic) की वजह से इन दिनों देश में हजारों लोगों की जानें जा रही हैं। हालत यह है कि लोगों को श्मशान घाट में जगह तक नहीं मिल रही है। लोग लंबी लाइनों में अंतिम संस्कार के लिए इंतजार कर रहे हैं। यूपी के साहिबाबाद में एक किसान श्मशान की ऐसी हालत देखकर इतना दुखी हो गया कि उसने अपनी करोड़ों की जमीन श्मशान घाट के (Farmer Donate Land For Graveyard) लिए दान कर दी।

महामारी के इस दौर में लोग एक दूसरे की मदद की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। किसान ने जब देखा कि लोग श्मशान में घंटों इंतजार कर रहे (Waiting In Graveyard) हैं लेकिन फिर भी शव के दाह के लिए उन्हें जमीन तक नहीं मिल रही है तो वह काफी दुखी हुआ। उसने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपनी करोड़ों की जमीन निगम को दान कर दी।

श्मशान घाट के लिए दान की 1500 गज जमीन

करहैड़ा, गाजियाबाद के रहने वाले किसान सुशील कुमार ने अपनी 1500 गज जमीन निगम को श्मशान घाट बनाने के लिए दान दे दी है। यहां पर कोरोना से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया है। अब किसान की जमीन पर 10 प्लेटफॉर्म बनाने का काम शुरू किया जा चुका है। इस जमीन पर कोरोना से जान गांवने वाले लोगों का दाह संस्कार किया जााएगा।

जमीन दान देने वाले सुशील कुमार का कहना है कि कोरोना से हर दिन लोगों की जान जा रही है। हिंडन श्मशान घाट पर लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए 10-10 घंटों का इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों का नंबर तक नहीं आ रहा। संकट के इस समय में लोग अपनों को खो रहे हैं ऐसे में उन्हें अंतिम संस्कार का मौका भी नहीं मिल रहा है। ये देखकर वह बहुत ज्य़ादा दुखी हैं। इसीलिए उन्होंने इस तरह का फैसला लिया।

किसान सुशील कुमार ने की लोगों की मदद

किसान सुशील कुमार ने नूरनगर में मौजूद अपनी 1500 गज जमीन को श्मशान के लिए दान दे दिया है। उनके घर वाले भी इस फैसले में उनके साथ हैं। जिसके बाद उन्होंने नगर निगम को चिट्ठी लिखकर जमीन दान कर दी। उनका कहना है कि परेशानी के इस समय में अपनी हैसियत के हिसाब से सभी को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।

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