रायपुर। आमानाका थाना क्षेत्र के नंदनवन से चंदनडीह मार्ग पर एक लावारिश बच्चे (unknown baby) के पड़े होने की सूचना डॉयल 112 पर किसी ने दी। इसके बाद टाइगर-2 को लेकर आरक्षक विनोद दूबे (Constable Vinod Dubey) तत्काल रवाना हो गए। वहां जाकर देखा तो कपड़े में लिपटा एक नवजात(A newborn baby) सड़क के किनारे रखकर कोई भाग गया था।

मां के ठुकराए बच्चे का रोना (crying of baby) सुनकर आरक्षक का दिल पसीज गया (Constable’s heart sweats)। उसने तत्काल बच्चे को गोंद में उठाया (Immediately picked up in baby lap) और सीधे लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर जा पहुंचा। जहां उस बच्चे को भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज जारी है। ये जानकारी आमानाका थाने के टीआई रमाकांत साहू ने दी। उन्होंने बताया कि बच्चे के सड़क के किनारे पड़े होने की सूचना उन्हें जल्द मिल गई थी। लिहाजा तत्काल टाइगर-2 मौके की ओर रवाना कर दिया गया। खैरियत यही रही कि कोई जानवर या कोई विषैला जीव बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचाया। इससे बच्चा सुरक्षित बच गया।

आरक्षक विनोद दुबे और वाहन चालक लंबोदर पटेल ने बच्चे को जल्दी से अस्पताल पहुंचाया। इसको लेकर आज दोनों की जमकर तारीफ हो रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस का ये मानवीय चेहरा जिसने भी देखा उसने इसकी जमकर सराहना की।

सूचना देने की टीआई ने की अपील:
आमानाका थाने के टीआई रमाकांत साहू ने आम जनता से अपील की कि अगर उनको ऐसा कोई भी बच्चा सड़क के किनारे या कहीं भी दिखाई दे तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। इसके अलावा उस बच्चे को तब तक अकेला न छोड़े जब तक कि पुलिस वहां न पहुंच जाए। एक जागरूक नागरिक की ऐसी ही सूचना पर आज एक नवजात की जान बच गई।

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